राजगीर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को नालंदा जिले के राजगीर दौरे पर हैं. उनके साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा, संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार थे. राजगीर में नीतीश ने गंगाजल उद्वह परियोजना का जायजा लिया. गंगा उद्भव योजना नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है.
नीतीश कुमार का राजगीर दौरा काफी सुर्खियों में है. राजनीतिक ऊहापोह की स्थिति में नीतीश हमेशा राजगीर प्रवाह पर ही चले जाते हैं. यहां राजगीर से नीतीश हमेशा चौंकाने वाला एवं बड़ा फैसला लेते हैं. 2013 में नीतीश राजगीर दौरे पर आए थे. उसके बाद बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिए थे. 2017 में नीतीश राजगीर दौरे पर थे. उस समय बड़ा फैसला लेते हुए वह महागठबंधन छोड़ एनडीए में चले गए थे.
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एक जून को जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक
मौजूदा समय में भी बिहार की सियासत में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. जेडीयू के सभी विधायकों को 72 घंटे तक पटना में रहने का आदेश दिया गया है. लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वहीं, अब एक जून को जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. इधर, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. जातीय जनगणना, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, यूनिफॉर्म सिविल कोड, शराबबंदी इत्यादि पर बीजेपी का जेडीयू में टकरार दिख रहा है. हाल के दिनों में नीतीश-तेजस्वी के बीच नजदीकी भी इसका एक कारण है.
हालिया विवाद की जड़ आरसीपी सिंह
केंद्रीय मंत्री व जदयू के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस बार उनको जदयू राज्यसभा नहीं भेज सकती है. हालिया विवाद की जड़ आरसीपी सिंह भी हैं. बीजेपी के वह काफी करीब हैं. वहीं बिहार में काफी समय से कैबिनेट की बैठक नहीं हुई है और लगातार टल रही है. अगर ये सभी कड़ियां एक साथ जोड़ दी जाएं तो संभावना दिख रही है की बिहार की सियासत में कुछ बड़ा हो सकता है. इन सब घटनाक्रम के कारण बिहार की सियासत गरमा गई है और इसी बीच नीतीश कुमार राजगीर पहुंच गए हैं.
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