Bihar Politics: मांझी की मांग- शराबबंदी की समीक्षा करें CM नीतीश, कानून को प्राथमिकता बना देना गलत, शराब बुरी चीज नहीं
मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में लागू शराबबंदी पर समीक्षा करें. पुलिस शराब के पीछे ही लगी हुई है. लेकिन कई और मुद्दे हैं. शराबबंदी को ही प्राथमिकता बना देना जरूरी नहीं है.
पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor ban in bihar) पर जारी विवाद के बीच सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सहयोगी माने जाने वाले जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कानून की समीक्षा की मांग की है. बुधवार को एबीपी से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इसी बात को लेकर तो मतभेद है. हमने शुरू से कहा है कि अगर दवा के रूप में शराब का सेवन किया जाए तो वो हानिकारक नहीं, फायदेमंद है. आज शराब तस्करी के आरोप में जिन लोगों को पकड़ा जा रहा है वो गरीब हैं या ऐसे लोग हैं जो छोटे स्तर पर धंधा कर रहे हैं. लाखों-करोड़ों की डील करने वाल बड़े तस्कर बचे हुए हैं. ऐसे में मेरी अपील है कि छोटी मछली को नहीं, बड़ी मछली पकड़ें.
शराबबंदी को ही प्राथमिकता बना देना गलत
शराबबंदी को लेकर प्रशासन की तत्परता पर उन्होंने कहा कि अति किसी भी चीज का खराब है. शराब के सेवन को रोकना है तो जागरूकता बढ़ाइए. ऐसा इसलिए क्यूंकि कानून कितना भी बना लीजिए, जो लोग सोच कर बैठे हैं, वो शराब पिएंगे ही, चाहे कुछ कर लीजिए. गुजरात में भी तो शराबबंदी है, लेकिन उनके अपने नियम कानून हैं. इसलिए अपील है कि नीतीश कुमार बिहार में लागू शराबबंदी पर समीक्षा करें. पुलिस शराब के पीछे ही लगी हुई है. लेकिन कई और मुद्दे हैं. शराबबंदी को ही प्राथमिकता बना देना जरूरी नहीं है. हमें केंद्र से या अन्य माध्यमों से पैसे लाकर क्षेत्र का विकास करने पर ध्यान देना चाहिए.
मतभेद और मनभेद दो चीज
क्या बिहार में एनडीए गठबंधन टूट जाएगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज जो परिस्थिति बनी हुई है, विपक्ष विकल्प देने की स्थिति में नहीं है. ऐसी स्थिति में बिहार को बीजेपी-जेडीयू के लोग डामाडोल नहीं होने देंगे. कभी-कभी कुछ बातें होती हैं, उसी पर मैं कहता हूं मतभेद और मनभेद दो चीज होती है. हम चार साथी हैं, तो मतभेद हो सकता है, लेकिन हमारे बीच मनभेद नहीं हो सकता. ये होना भी नहीं चाहिए. बीजेपी-जेडीयू में कभी कभी किसी मुद्दे पर मतभेद उभरता है, लेकिन उनमें मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष तो कुछ है ही नहीं.
एनडीए गठबंधन में खींचतान की बात को स्वीकारते हुए मांझी ने कहा कि झगड़ा तो चल ही रहा है. लेकिन गठबंधन में कोई दरार नहीं आएगी. जिस तरह से तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन चल रही है. ऐसी स्थिति में एनडीए के अलावा कोई और विकल्प फिलहाल नहीं है. क्या वे आरजेडी से हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री बन जाएंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर फिलहाल हम कुछ नहीं बोलेंगे. लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव है.
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