जहानाबाद: बिना महिला पुलिस के दुल्हन के कमरे में छापेमारी करने के बाद बिहार पुलिस विवादों में घिर गई है. महिलाओं के बीच बिना महिला जवानों के शराबबंदी के नाम पर छापेमारी करने पहुंचे पुलिस जवानों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने भी बिहार पुलिस के इस रवैये को गलत बताया है. जहानाबाद पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को इन चीजों का ख्याल रखना चाहिए था. पुलिस अधिकारी इन बातों का बिल्कुल ध्यान रखें. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है.


तेजस्वी यादव पर कसा तंज


डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लेकर पूरे बिहार में नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित शपथ समारोह की आलोचना करने वाले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सलाह दी कि अच्छे कार्यों की आलोचना कर केवल सुर्खियों में बने नहीं रहने के फिराक में नहीं रहना चाहिए. अच्छे कार्यों की सराहना भी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस समय शराबबंदी कानून बनाई जा रही थी, उस समय पक्ष और विपक्ष के सभी लोगों ने शराबबंदी कानून बनाने में अपना समर्थन दिया था.


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डिप्टी सीएम ने कहा, " आज जब वे विपक्ष के नेता बने हैं, तो सुर्खियों में बने रहने के लिए शराबबंदी की आलोचना कर रहे हैं. जो भूमिका विपक्ष के नेता को होना चाहिए वह भूमिका निभाने में तेजस्वी यादव अब तक असफल साबित हुए हैं. जब जब उनका बयान आता है, तो लगता है तेजस्वी यादव पटना पहुंच गए हैं."


बीजेपी विधायकों के बयान को किया खारिज


उपमुख्यमंत्री ने बीजेपी विधायकों द्वारा शराबबंदी कानून के खिलाफ बोले जाने पर कहा कि चंदन सिंह समेत दो बीजेपी विधायकों ने शराबबंदी कानून को सफल बनाने की बात कही है. लेकिन जो बात वह कहना चाहते थे, उस बात को वो सही ढंग से मीडिया में नहीं रख पाए. शराबबंदी कानून को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए सरकार कटिबद्ध है और इसमें आमजनों के भी सहयोग की आवश्यकता है.


बता दें कि कल ही मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पुलिस प्रशासन शराब को लेकर होटल और आयोजन स्थलों पर जांच करती है, जांच के लिए महिला के कमरे में जाती है, तो कुछ लोग सवाल उठाते हैं. लेकिन पुलिस जांच के लिए नहीं जाएगी क्या? ये कोई गुनाह है? इस बयान से नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया कि किसी भी हाल में सख्ती में ढिलाई नहीं होने वाली है. उन्होंने पुलिस को एक तरह से खुली छूट दे दी है. जबकि उपमुख्यमंत्री ने इन बातों को गलत बताते हर ध्यान रखने की बात कही है.



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