पटनामुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बीते गुरुवार को सचिवालय स्थित 'संवाद' कक्ष में उर्दू अनुवादक और अन्य उर्दू कर्मियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने फिर से बिहार को लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलने की बात छेड़ी. साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि सरकार हिंदी के साथ-साथ उर्दू को बढ़ावा दे रही है. लोग हिंदी के साथ उर्दू जानेंगे तो उनका ज्ञान बढ़ेगा. इधर बीजेपी ने इसको लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला है.


बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने सीएम नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए हमला बोला. गुरुवार को निखिल आनंद ने ट्वीट कर लिखा- "सीएम नीतीश जी की मंशा हर स्कूल में उर्दू शिक्षक बहाल करने की है. विधानसभा में उर्दू जानकर क्यों है? अब हर थाने में उर्दू ट्रांसलेटर घुसेड़े जाएंगे. बिहार के मुस्लिम बहुल सीमावर्ती जिले में दलित-पिछड़े-अति पिछड़े तबाह है. भाई! बिहार में पाकिस्तान मत बनाओ, खुद पाकिस्तान चले जाओ."






1294 पदों पर नियुक्ति जल्द


दरअसल, गुरुवार को कुल 183 उर्दू अनुवादक एवं अन्य उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया. इसमें उर्दू अनुवादक, सहायक उर्दू अनुवादक, निम्नवर्गीय उर्दू लिपिक और निम्नवर्गीय हिंदी लिपिक शामिल हैं. इस दौरान सभी चयनित लोगों को को सीएम नीतीश ने बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा- "हमने जब इस बात की समीक्षा की कि कितने पद सृजित हैं और कितने पर बहाली हुई है तो जानकारी मिली कि कुल स्वीकृत पद 2247 हैं जिसमें 1294 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है."


नीतीश कुमार ने आगे कहा कि सबको हिंदी और उर्दू के प्रयोग का अधिकार है. जैसे हिंदी है वैसे ही उर्दू है, दोनों को बराबर की स्वीकृति प्राप्त है. सरकार हिंदी के साथ-साथ उर्दू को बढ़ावा दे रही है. लोग हिंदी के साथ उर्दू जानेंगे तो उनका ज्ञान बढ़ेगा. आप सभी जो नियुक्त हुए हैं अपनी जिम्मेदारी का बेहतर ढंग से निर्वहन करें और जहां रहें वहां लोगों को उर्दू भी सिखाएं. हिंदी के साथ उर्दू जानेंगे तो आपकी भाषा और बेहतर होगी.


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