RJD का हंगामा, लालू यादव का 'फोन' सब हुआ बेकार, NDA के विजय सिन्हा बने बिहार विधानसभा के स्पीकर
BIHAR Assembly Speaker: बीजेपी नेता और एनडीए के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा को बिहार विधानसभा का स्पीकर चुना गया है और 126 वोट हासिल कर वो इस पद पर काबिज हुए. महागठबंधन के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को 114 वोट मिले.
पटना: बिहार विधानसभा स्पीकर पद के लिए बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान हुए चुनाव में बीजेपी नेता और एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा को अगला विधानसभा स्पीकर चुना गया. उन्हें कुल 126 वोट मिले. जबकि महागठबंधन उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को 114 वोट मिले. बता दें कि सदन में हंगामे के बाद कुल 240 सदस्यों ने वोटिंग की.
हंगामे के बीच विजय कुमार सिन्हा को स्पीकर चुने जाने के बाद नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें कुर्सी पर बैठाया. पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने सदन के सभी सदस्यों का धन्यवाद दिया, जिसके बाद एक-एक कर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सभी पार्टी के विधायक दल के नेता ने उन्हें अध्यक्ष पद ग्रहण करने पर बधाई दी. विधानसभा स्पीकर पद के लिए एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा और महागठबंधन उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी मैदान में थे.
चुनाव से पहले विपक्ष ने किया हंगामा
दरसअल आज सत्र के दौरान जब चार विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने सर्वसम्मति से स्पीकर के चयन का प्रस्ताव रखा तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी और मुकेश सहनी को सदन से बाहर निकालने की मांग करने लगे. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने मुकेश सहनी और अशोक चौधरी को सदन से बहार जाने का आदेश दिया जबकि नीतीश कुमार सदन में ही मौजूद रहे.
नेता प्रतिपक्ष द्वारा जब इसपर सवाल उठाया गया तो प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी ने तेजस्वी को फटकार लगाई और कहा कि मुख्यमंत्री ही विधानसभा का नेता होता है और अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने और परिणाम सामने आने के बाद नीतीश कुमार ही नवनिर्वाचित स्पीकर को कुर्सी पर बैठाएंगे. ऐसे में उनका सदन में होना अनिवार्य है और इसमें कोई अनुचित बात नहीं है.
वहीं, जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि इस सदन ने राबड़ी शासनकाल में यह भी देखा कि लालू यादव सांसद थे विधायक नहीं थे, तब भी वो सदन में मौजूद थे. हालांकि यह कहने के बावजूद विपक्ष मानने को तैयार नहीं है और गुप्त मतदान की मांग कर रहे हैं. मांझी का कहना है कि ऐसी कोई संवैधानिक प्रक्रिया नहीं है.
लालू यादव के विधायकों को फोन की खबर से मची थी खलबली
अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी के खुलासे के बाद सियासी गलियारों में खलबली मच गई थी. सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल से फोन करके एनडीए के विधायक को तोड़ने की बात कर रहे हैं. हालांकि आरजेडी ने इस वीडियो को मानने से साफ इंकार कर दिया था.
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