पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता इस बात से भले ही इनकार करते रहते हैं कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. लेकिन पार्टी के सीनियर नेताओं की गतिविधियों से स्पष्ट हो जाता है कि पार्टी के अंदरखाने में कुछ तो गड़बड़ी है. पार्टी नेतृत्व में बदलाव के बाद जिस तरह से पार्टी में बदलाव देखने को मिल रहा है, इससे ये स्पष्ट है कि पार्टी दो गुटों में बंट गई है. 


दायित्व खुशी से लेने को तैयार


पार्टी में जारी उठा-पटक के बीच ये खबर आ रही है कि जेडीयू के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा (Abhay Kushwaha) केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) के निजी सहायक बन सकते हैं. हालांकि, इस संबंध में जब अभय कुशवाहा से बात की गई तो उन्होंने एबीपी न्यूज से कहा अभी उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं आई है .लेकिन अगर उन्हें ऐसा कोई दायित्व सौंपा जाता है, तो वे उसे खुशी से लेने को तैयार हैं.


पोस्टरों में नहीं दी थी जगह


गौरतलब है कि जेडीयू में दो गुट बना हुआ है. एक आरसीपी सिंह का गुट है, जिसकी अभय कुशवाहा अगुआई कर रहे थे. आरसीपी सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक वे उनका खुलकर समर्थन करते रहे. यहां तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा तक को पोस्टर में जगह नहीं दी थी. 


वहीं, बाद में इस बात पर विवाद होने पर अभय कुशवाहा ने साफ कहा था कि जेडीयू में सिर्फ नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह को ही वे नेता मानते हैं. ऐसे में अगर अभय कुशवाहा को आरसीपी सिंह का पीए बनाया जाता है, तो ये उनके वफादारी के इनाम के तौर पर देखा जा जाएगा. मालूम हो कि एक दिन पहले यानी गुरुवार को ही आरसीपी सिंह गुट के कई सदस्यों ललन सिंह ने पार्टी के अहम पदों से किनारा कर दिया है.


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