पटना: बिहार में मिशन-24 को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगातार कुछ ऐसा कह देते जिससे ये प्रतीत होता कि वो बिहार की सत्ता तेजस्वी (Tejashwi Yadav) को सौंपने वाले हैं. नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में दिलचस्पी रख रहे हैं. यही कारण रहा कि वह बार बार विपक्षी एकता की बात कर रहे. साथ ही तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया. देखा जाए तो सोमवार को आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के बयान से भी ऐसा लगा कि आरजेडी भी पीएम के लिए अपना उम्मीदवार नीतीश कुमार को मानती है. बिहार में तेजस्वी की ताजपोशी को लेकर सीएम नीतीश किस तरह से गेम फिक्स कर रहे. इस बातों को हम ऐसे समझ सकते हैं.
1.नीतीश कुमार द्वारा बार बार तेजस्वी यादव को आगे करने की बात कहना. सोमवार को सीएम ने तेजस्वी को लगभग अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. सीएम ने कहा कि हमने काफी काम किया अब आगे तेजस्वी करेंगे.आप लोग इनको ही आगे बढ़ाएं
2.पीएम मोदी पर नीतीश कुमार का बार बार वार. अक्सर मुख्यमंत्री का बयान आ रहा कि केंद्र की राजनीति से पीएम का जाना जरूरी है. सोमवार को भी भागन बिगहा में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सत्ता से जाएंगे तभी बिहार समेत देश में विकास की गाड़ी दौड़ेगी
3.नीतीश कुमार जेडीयू की जिम्मेदारी और बागडोर के लिए ललन सिंह को आगे कर रहे. कई बार उनके बयान आए कि अब जो भी होगा ललन सिंह ही देखेंगे.
4.आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने सोमवार को कहा कि हम बिहारी लोग बिहारी प्रधानमंत्री ही चाहते हैं. सीएम नीतीश कुमार पीएम मटेरियल हैं और वो प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए परफेक्ट हैं.
5.सीएम नीतीश द्वारा फिर से महागठबंधन सरकार बनाने के बाद उनका तेजस्वी यादव को बार बार आगे बढ़ाने की बात करने से प्रतीत होता कि जल्द ही सत्ता पर तेजस्वी की ताजपोशी हो सकती है.
6.जेडीयू अधिवेशन में मिशन-2024 को लेकर कई बातें हुई. हालांकि कुढ़नी में हार के बाद बीजेपी लगातार उनको घेर रही थी, लेकिन अधिवेशन में फिर से जेडीयू द्वारा नीतीश कुमार को केंद्र की राजनीति में जाने के रास्तों को लेकर मंथन शुरू कर दिया.
7.महागठबंधन के सात में से छह दल सीएम नीतीश के साथ हैं. वो उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं. इसलिए बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के होने के भी कई बार बयान आए हैं. आरजेडी के कई नेता और विधायक ने ये बातें कहीं हैं.
8.जगदानंद सिंह पहले भी दावा कर चुके हैं कि साल 2022 के खत्म होने के बाद तेजस्वी यादव साल 2023 में बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं.नीतीश कुमार साल 2023 से देश की राजनीति में लड़ाई लड़ेंगे.
9.नीतीश कुमार के महागठबंधन में आने के बाद कयासों का दौर शुरू है. नई दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से मिलने और केजरीवाल से मुलाकात करने की कोशिश के साथ ही बार बार विपक्षी एकता को एकजुट करने की बात कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करती कि जल्द ही तेजस्वी के हाथों में बिहार की कमान होगी.
10.चाचा भतीजे का फ्यूचर प्लान लगभग सेट है. तेजस्वी ने भी कई बार बयान दिया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति के लिए सटीक हैं. उनको पीएम जरूर बनना चाहिए. विपक्षी एकता एकजुट होंगे तो ही केंद्र से बीजेपी को उखाड़ सकते.
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