पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद बुधवार (13 सितंबर) को बयान जारी करते हुए निशाना साधा. कहा कि विपक्षी दलों की समन्वय समिति की पहली बैठक नेतृत्व, सीट साझेदारी और सनातन धर्म के मुद्दे पर कोई फैसला लेने या रुख तय करने में पूरी तरह टायं-टायं फिस्स हो गई.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि समिति से आशा थी कि वह गठबंधन के नेतृत्व के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाएगी, लेकिन बेंगलुरु, मुंबई की तरह दिल्ली बैठक से भी जेडीयू को निराशा मिली. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले जेडीयू अध्यक्ष और समिति के सदस्य ललन सिंह पीएम पद की दावेदारी करते हुए पटना में नीतीश कुमार का बायोडाटा जारी कर रहे थे.
'इंडिया गठबंधन सनातन धर्म विरोधी'
इस बैठक को लेकर बीजेपी नेता ने कहा कि समन्वय समिति ने सनातन धर्म संबंधी द्रमुक के बयान की निंदा तक नहीं की, जिससे स्पष्ट है कि इंडिया गठबंधन केवल बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध नहीं, बल्कि सनातन धर्म विरोधी है. कहा कि जो लोग पांच राज्यों में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट साझेदारी पर फैसला नहीं ले पाए, वे लोकसभा चुनाव में साझा उम्मीदवार कैसे तय करेंगे?
'समन्वय समिति की बैठक चाय पार्टी'
सुशील मोदी ने कहा कि आसन्न चुनाव वाले दो राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़) में केजरीवाल की पार्टी ने 10-10 सीटों पर अपने उम्मीदवार अकेले ही तय कर लिए. उधर, हाल के उपचुनाव में गठबंधन के दल पश्चिम बंगाल और केरल में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में थे. समन्वय समिति की बैठक में न ललन सिंह पहुंचे, न ममता बनर्जी के प्रतिनिधि. माकपा ने अब तक अपना प्रतिनिधि भी तय नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जब तक राहुल गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे शीर्ष नेतृत्व की बैठक नहीं होगी तब तक समन्वय समिति की बैठक एक चाय पार्टी से ज्यादा मायने नहीं रखती.
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