पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की ओर से हिंदू और बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान के बाद जेडीयू ने इसकी निंदा की है. रविवार को जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का योगदान भारत के संविधान के निर्माण में बहुत अहम है. संविधान की मूल प्रस्तावना में भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हर जाति, धर्म, संप्रदाय और समुदाय के लोग आपसी सम्मान के भाव के साथ रहते हैं. हमलोगों का ऐसा मानना है कि हर किसी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, परस्पर सहयोग करना चाहिए ताकि देश और समाज विकसित हो सके.
वहीं, दूसरी ओर जीतन राम मांझी का बयान वायरल होने के बाद राम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. तमाम जातियों के प्रति उनकी आस्था है. वो सबकी इज्जत करते हैं. उन्होंने स्पष्ट तरीके से कहा है कि कुछ वैसे तबके के लोग ब्राह्मण भाइयों को अपने घर में बुलाते हैं और वो ब्राह्मण उनके घर में खाना भी नहीं खाते हैं, लेकिन फिर भी उनको पैसा दे देते हैं. मांझी हमेशा सामाजिक समानता की बात करते हैं. संप्रदाय की समानता की बात करते हैं. उनके बयान को इस तरीक से पेश करना कहीं से ठीक नहीं है.
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जीतन राम मांझी ने क्या कहा?
जीतन राम मांझी ने कहा- “हमारे भाई लोग जय भीम बोलते हैं, लेकिन माफ कीजिएगा, जय भीम जो बोलते हैं तो हम अंदर-अंदर गुस्सा करते हैं. हमलोग हैं लायक लेकिन बाबा आंबेडकर के नालायक बच्च हैं. वो इसलिए कि हमलोग केवल नाम ले रहे हैं. जय भीम करने में दो बात आई है. सरकार के लिए भी और हमारे लिए भी. 1956 में बाबा आंबेडकर मरने के पहले हिंदू धर्म में नहीं हुए. बौद्ध धर्म में होकर उनकी मृत्यु हुई.”
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