पटना: जातीय जनगणना, आरक्षित कोटे से बैकलॉग के लाखों रिक्त पदों को भरने और मंडल आयोग की शेष सभी अनुशंसाओं को लागू करने की मांग को लेकर आरजेडी शनिवार को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों के सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. प्रदर्शन के दौरान पार्टी नेता और कार्यकर्ता अपनी मांगों को मनवाने के लिए नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं, प्रदर्शन खत्म होने के बाद सभी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांगों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे.
जेडीयू ने मांग का किया समर्थन
इधर, प्रदर्शन के बीच जेडीयू ने भी आरजेडी की मांग का समर्थन किया है. लेकिन उनके प्रदर्शन को पॉलिटिकल स्टंट बताया है. जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि मंडल कमीशन को लेकर जो सिफारिशें हैं, उसमें कुछ लागू हुई हैं, जबकि कुछ किताबों में ही हैं और जेडीयू भी मांग करती है कि सभी सिफारिशें लागू हों.
बीजेपी को करना है अंतिम फैसला
वहीं, उन्होंने आरजेडी के प्रदर्शन पर हमला बोलते हुए कहा कि आरजेडी मंडल आयोग को सामाजिक न्याय के आड़ में पारिवारिक न्याय का एजेंडा बना चुकी है. आरजेडी अपने इस पॉलिटिकल टूल को समय दर समय इस्तेमाल करती है. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि ये किसी की जाति की बात नहीं है. सबको साथ मिलकर इसे लागू करना चाहिए. अंतिम फैसला अब बीजेपी करेगी.
जातीय जनगणना के सवाल पर जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि बीजेपी जवाब दे कि सर्वसम्मति के बाद वो पीछे क्यों हट रही है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने हमेशा से इसकी मांग की है. 2019 और 2020 में सर्वदलीय बैठक हुई. विधानसभा और विधान परिषद से ये प्रस्ताव पारित हुआ था. बीजेपी ने साथ दिया और लेकिन अब वो पीछे हट रही है.
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