पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मंगलवार को स्टेज पर खुलेआम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर आलोचना की है. उन्होंने केंद्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि केंद्र में जो सरकार बैठी हो वो अति पिछड़ा विरोधी है. बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां अति पिछड़ा वर्ग है. गुजरात में पिछड़े वर्ग में भी उनकी कास्ट नहीं थी. जब वह मुख्यमंत्री बने थे तो बाद में अति पिछड़ा में जोड़ दिया गया. कहा कि मोदी का कौन सा टी स्टॉल था जहां वो चाय बेचते थे. साथ ही बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर भी हमला बोला.


केंद्र शुरू से अति पिछड़ा विरोधी


ललन सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना होगी तभी पता चलेगा कि किस जाति के कितने लोग हैं. केंद्र तो शुरू से अति पिछड़ा विरोधी हैं. यही कारण है कि वो बिहार में जातीय जनगणना के खिलाफ हैं. इसके लिए तैयार नहीं हुए. फिर सुप्रीम कोर्ट चले गए. कोर्ट से फटकार लगी तो शांत  हो गए. ललन सिंह मंगलवार को कर्पूरी ठाकुर की जयंती में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि हम लोग कर्पूरी ठाकुर के सपनों को पूरा करने के काम में लगे हुए हैं. साल 2024 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगना है.  नीतीश कुमार के बहुत दोस्त हैं तो इनसे जलने वाले भी बहुत हैं  इसलिए सतर्क रहना है.  


बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से क्यों डर लग रहा?


ललन सिंह ने कहा कि यहां से लक्ष्य लेकर दिल्ली जाएंगे. तभी वहां से प्रस्थान करने का लक्ष्य पूरा कर सकेंगे. इसके अलावा बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहा कि उन्होंने डॉक्यूमेंट्री बनाई है. इससे उनका चेहरा उजागर कर दिया है. साथ ही प्रधानमंत्री पर सवाल दागते हुए कहा कि 56 इंच वाले को एक डॉक्यूमेंट्री से क्यों डर लगता है भाई?  बता दें कि मंगलवार को कर्पूरी ठाकुर की जयंती थी. इसे लेकर पटना के बापू सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेता मौजूद थे.


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