Bihar Politics: मायावती के आरोपों पर ललन सिंह का पलटवार, बोले-'... नीतीश सरकार में किसी को बचाया नहीं जाता'
Lalan Singh News: आनंद मोहन की रिहाई के नीतीश सरकार के फैसले पर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. इसे लेकर बसपा प्रमुख मायावती के आरोपों पर जदयू प्रमुख ने पलटवार किया है.
पटना: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के नीतीश सरकार के फैसले को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा मायावती के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट किया ''आनंद मोहन की रिहाई पर अब भाजपा खुलकर आई है. पहले तो यूपी की अपनी बी टीम से विरोध करवा रही थी.
उन्होंने कहा ''बीजेपी को यह पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार के सुशासन में आम व्यक्ति और खास व्यक्ति में कोई अंतर नहीं किया जाता है. आनंद मोहन ने पूरी सजा काट ली और जो छूट किसी भी सजायाफ्ता को मिलती है वह छूट उन्हें नहीं मिल पा रही थी क्योंकि खास लोगों के लिए नियम में प्रावधान किया हुआ था. नीतीश कुमार ने आम और खास के अंतर को समाप्त किया और एकरूपता लाई तब उनकी रिहाई का रास्ता प्रशस्त हुआ.''
ललन सिंह ट्वीट कर कहा कि 'अब भाजपाइयों के पेट में न जाने दर्द क्यों होने लगा है....!' भाजपा का सिद्धांत ही है विरोधियों पर पालतू तोतों को लगाना, अपनों को बचाना और विरोधियों को फंसाना... वहीं नीतीश कुमार के सुशासन में न तो किसी को फंसाया जाता है न ही किसी को बचाया जाता है.'
बता दें कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधा था. बीएसपी चीफ मायावती ने आनंद मोहन की रिहाई की तैयारी को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला.
बीएसपी चीफ ने बाहुबली की रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है."
मायावती ने आगे लिखा, "आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है. चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे."
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