नालंदा: बिहार सरकार (Bihar Government) के मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने अपनी ही पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के बयान पर मंगलवार को हमला बोला. बात संन्यास ले लेने तक पहुंच गई. श्रवण कुमार ने बिहारशरीफ के सर्किट हाउस में बयान देते हुए कहा कि राजनीति में जो पद मिलता है, चाहे वो साधारण कार्यकर्ता का हो, विधायक का हो या राज्यसभा का हो वह महत्वपूर्ण पद होता है. राजनीति जनता की सेवा के लिए है. जिन्हें लगता है कि यह झुनझुना है उन्हें सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए.


उपेंद्र कुशवाहा के दिए गए बयान कि मुझे संसदीय बोर्ड की पद देकर झुनझुना थमाया गया है. श्रवण कुमार ने इसी बयान पर जवाब दिया है. कहा कि कुशवाहा को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. उन्हें लगता है कि झुनझुना है तो परित्याग देना चाहिए. जब पद मिला था तब उन्होंने खुशी जाहिर की थी. पद के सारे गुण को समझ गए और इस पद के सारे फायदे उठा लिए तो अब कहते हैं कि झुनझुना थमा दिया गया है.


जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के काफिले पर सोमवार की शाम आरा में हमला हो गया था. इस घटना पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यह काफी दुखद है. इसकी जितना भी निंदा की जाए कम है. हमले पर सरकार संज्ञान लेते हुए जांच करा रही है. जांच के बाद पता चल जाएगा कि इसमें क्या खेला किया गया है.  किसकी तरफ से इस तरह का घटना को अंजाम दिया गया है.


आरा में हमला होने के बाद कुशवाहा ने की पीसी


मंगलवार को कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने यह बयान दिया कि उन्हें संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद देकर झुनझुना थमा दिया गया है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार को उनके ऊपर हमला हुआ था. घटना के बाद वहां के एसडीओ और एसडीपीओ ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की. उस रिपोर्ट में ये कहा गया कि उनके ऊपर कोई हमला नहीं किया गया है. इस पर भी वे भड़के.


यह भी पढ़ें- VIDEO: 'हमें छोड़कर मत जाइए', LOVE YOU सर…', नवादा में शिक्षक की विदाई पर भर आईं आखें