पटना: किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करने पर एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी ने ट्वीट कर राज्य सरकार को घेरा था और कहा था कि दम है तो गिरफ्तार करो. तेजस्वी के इस ट्वीट पर जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि धरना का निर्णय लेने के पहले तेजस्वी को जरूर विचार करना चाहिए था. राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी सामाजिक और राजनैतिक आचरण के मामले में आइकॉन माने जाते हैं. ऐसे में स्‍वयं भ्रष्‍टाचार और आपाराधिक मामले में आरोपी होने के कारण उन्हें वहां जाने से परहेज करना चाहिए था. खैर कानून ने उनको आईना दिखा दिया.


नीरज कुमार ने पूछा कि तेजस्‍वी यादव यह बतायेंगे कि क्‍या पिता तुल्‍य जगदानंद बाबू, उम्र में बड़े मदन मोहन झा, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा को तथाकथित फर्जी आंदोलन में अपने कदमों के तले बैठा कर उन्होंने अपने मन के सामाजिक घृणा का प्रकटीकरण किया है ?


उन्होंने पूछा कि क्या स्‍वर्गीय रघुवंश बाबू जैसे सम्‍मानित नेता को एक भाई की ओर से एक लोटा पानी कहकर अपमानित करना, विधानसभा चुनाव 2020 में सामाजिक समूह का भाषायी अपमान करना और फिर कल जगदानंद बाबू, मदन मोहन झा, अजीत शर्मा को कदमों के नीचे बैठा कर क्या तेजस्वी ने भी अपने पिता की तरह ही विशेष सामाजिक समूह के प्रति अपमान प्रकट किया है.


नीरज कुमार ने तेजस्वी से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या अपने संवाददाता सम्‍मेलन में किसान संगठनों और किसानों से अनशन स्‍थल पर आकर समर्थन की अपील की थी? क्या उन्होंने आपके आह्वान को नकार दिया ?


नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्‍वी यादव चुनावी हार के बाद भूल गए कि झारखंड और बिहार अलग-अलग राज्‍य है. झारखंड में आपके पिता लालू प्रसाद के लिए खास कानून है, जिसका सामना झारखंड उच्‍च न्‍यायालय में करना पड़ रहा है.


मालूम हो कि पटना जिला प्रशासन ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत 500 से ज्यादा लोगों पर किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने पर केस दर्ज किया है. सभी पर बिना प्रशासन की इजाजत के गांधी मैदान के बाहर सभा करने के आरोप है. प्रशासन ने उन पर आईपीसी की कई धाराओं और महामारी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मामले में तेजस्वी यादव के अलावा राजद के 18 नेता नामजद किए गए हैं. वहीं, 500 अन्य लोगों पर भी सभा में मौजूद रहकर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.