पटनाः आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) द्वारा शराबबंदी को खत्म करने वाले बयान पर जेडीयू प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा कि लालू यादव का पटना आगमन और शराबबंदी को समाप्त करने की बात यह दिखाता है कि वो पुत्र मोह में सामाजिक उत्तरदायित्व भूल कर राजनीतिक कुंठा के शिकार हो गए हैं. कहा कि लालू यादव का दिल्ली से पटना आने का कारण दलितों व अति पिछड़ा का सशक्तिकरण, अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मान के लिए नहीं बल्कि खजाना लूटने के आरोप में न्यायालय में पेशी है.
नीरज कुमार ने कहा कि स्वभाविक है कि शराबबंदी जैसा महत्वपूर्ण अभियान जो नई पीढ़ी को विभिन्न रोगों से बचा सकता है, उनके परिवार का सामाजिक उन्नयन कर सकता है, उन लोगों के बचाव के लिए नहीं बल्कि तथाकथित शराबबंदी का मजाक उड़ाने वाले और ऐसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शराब के कारोबारियों को सहयोग करने वाला है, यह सामाजिक तौर पर महापाप है. लालू यादव किसको ज्ञान दे रहे हैं?
‘झारखंड सरकार पर सुविधा के लिए बनाया दबाव’
लालू यादव को लेकर नीरज कुमार ने कहा, “जब आपको झारखंड के होटवार जेल से रिम्स अस्पताल में विशेष दर्जा प्राप्त करना था तो आपने राजनीतिक दबाव बनाकर झारखंड सरकार से अपने लिए विशेष सुविधा मुहैया कराई, मगर बिहार में शराबबंदी को लागू करने में झारखंड सरकार पर शराबबंदी को सफल बनाने के लिए बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में दबाव नहीं बनाया. लालू जी आपने तो यह सामाजिक महापाप को मिटाने के लिए जो संकल्प लिया उसके खिलाफ आपका यह आचरण है.”
नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद यादव का यह बयान सीधे तौर पर बताता है कि वो संपत्ति सृजन के अलावा कुछ और सोच ही नहीं सकते हैं. संपत्ति सृजन के नशा में इस कदर डूबे हैं कि अब कैदखाने से लेकर न्यायालय में पेशी हो रही है. आने वाली पीढ़ी उन्हें इस बात के लिए याद करेगी कि राजनीति में सामाजिक न्याय के नाम पर कैसे फर्जीवाड़ा किया और शराबबंदी जैसे महत्वपूर्ण अभियान में बाधा उत्पन्न करने की कैसे कोशिश की.
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