पटनाः जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने अब तक दो चरणों में बिहार की यात्रा को पूरा किया है. अब वह तीसरे चरण की शुरुआत कर रहे हैं. नई दिल्ली में पार्टी की बैठक के बाद वे रविवार को मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दिल्ली में हुई बैठक में यूपी चुनाव पर भी चर्चा हुई और निश्चित रूप से हमारी पार्टी यूपी चुनाव में भी हिस्सा लेगी. जहां-जहां भी चुनाव हो रहा है वहां हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी.


उन्होंने कहा कि वह रविवार को नवगछिया जा रहे हैं, वहीं रात्रि विश्राम के बाद कल से भागलपुर, बांका, शेखपुरा, नवादा जमुई करते हुए सात अगस्त को पटना वापस होंगे. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण पर चल रहे घमासान पर भी अपनी बात रखी.


वहीं, दूसरी ओर जनसंख्या वृद्धि पर कहा कि इसपर रोक आवश्यक है इससे कोई इनकार नहीं करता, पर इसे जबर्दस्ती नहीं रोका जाना चाहिए. इसके लिए लोगों को जागरूक करके, महिलाओं को प्रशिक्षित करके और योजना बनाने के बाद ही जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है. कहा कि जातीय जनगणना को लेकर देश के स्तर पर एक माहौल बनाने की जरूरत है. 2021 में जनगणना होनी है, हो सकता है कोरोना के कारण थोड़ा विलंब हो पर अगर इस साल नहीं हुआ तो फिर दस साल इंतजार करना होगा. तब तक बहुत नुकसान हो जाएगा.


किस जाति की कितनी संख्या है यह जानना जरूरी


उन्होंने कहा कि बीजेपी अलग पार्टी है, जेडीयू अलग पार्टी है. कई मुद्दों पर उनकी राय अलग है. हमारी राय भी अलग हो सकती है तो उनसे खटपट क्यों होगा? इस तरह के मुद्दे पर हम अलग-अलग हैं इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है. धर्म के आधार पर गिनती होती है उसे भी बंद कर देना चाहिए. अभी ओबीसी में भी कुछ जाति ऐसी है जो सबसे ज्यादा लाभ ले रही है और बहुत ऐसी भी जाति है जिन्हें आजतक कोई लाभ नहीं मिला. एससी में भी कुछ जाति को सरकार के सारे लाभ प्राप्त हैं और बाकी को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. इसका लाभ सभी को मिले इसलिए जरूरी है किसकी संख्या कितनी है यह पता किया जाए.


ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर सही निर्णय


वहीं, दूसरी ओर ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर कहा कि पार्टी ने बहुत ही उचित निर्णय लिया है. ललन सिंह अनुभवी नेता हैं और पार्टी के स्थापना के समय से लगातार पार्टी के साथ रहे हैं. नीतीश कुमार के करीबी हैं, मेहनती हैं. उनके नेतृत्व में बिहार में पार्टी पहले भी चली है. वह प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं तो हर तरह से उनके अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा. जेडीयू को बिहार में फिर से नंबर वन की पार्टी बनाने के लिए काम करना है.


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