पटना: नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav 2022) पर लगी रोक को लेकर बीजेपी के खिलाफ नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी बिहार के हर जिला मुख्यालय में आज गुरुवार को पोल खोल कार्यक्रम के तहत धरना दे रही है. पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh), प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) सहित कई नेता और कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास बैठ कर एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान ललन सिंह ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया.
ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी हमेशा से आरक्षण विरोधी है. 2015 के चुनाव के पहले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए. आरक्षण व्यवस्था पर सोचने की जरूरत है. बीजेपी का दूसरा नाम भारतीय झूठा पार्टी है. यह चाहती है कि सौ बार एक ही बात को झूठ बोलो कि लोग इसे सच मान जाएं और इसी के तहत नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ा के आरक्षण को खत्म करने का काम किया गया है. यह केंद्र सरकार की साजिश के तहत हुआ है.
ललन सिंह ने उठाए कई सवाल
आगे ललन सिंह ने कहा कि 2007 से बिहार में अति पिछड़ा को आरक्षण मिला हुआ है. 2007, 2012 और 2017 में इसी के तहत चुनाव हुआ. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने इसे वैध करार दिया लेकिन ऐसा क्या हो गया कि 2022 में इस व्यवस्था को हाई कोर्ट द्वारा अवैध करार दे दिया गया? आयोग गठन की बात कही गई जो लंबी प्रक्रिया है. बीजेपी के झूठ को हम लोग जनता के बीच लाने के लिए पोल खोल कार्यक्रम कर रहे हैं. हम लोग अति पिछड़ा समाज के बीच जाएंगे और बीजेपी के आरक्षण विरोधी कारनामे को बताएंगे.
मुख्यमंत्री हमेशा से अति पिछड़ों के साथ: उमेश कुशवाहा
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है और उसका पोल खोलना जरूरी है. बीजेपी आरक्षण विरोधी इसलिए कि नगर निकाय चुनाव उसी के कारण रद्द करना पड़ा. बीजेपी द्वारा इसे रद्द कराया गया है. कहा कि नीतीश कुमार आरक्षण विरोधी होते तो पंचायत में आरक्षण कैसे देते हैं और ईबीसी और ओबीसी उन्हीं की सरकार में लागू हुआ है.
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