पटना: बिहार में इन दिनों जेडीयू और बीजेपी (JDU BJP Fight) के बीच जुबानी जंग जोर शोर से जारी है. निकाय चुनाव के टलने के बाद दोनों के बीच आरक्षण तानातानी का मुद्दा बना हुआ है. शनिवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बीजेपी को आरक्षण पर फिर घेरा है. कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी अति पिछड़ों की बहुत बड़ी हितैषी होने का दावा कर रही. बीजेपी आरक्षण की वकालत पूरे जोर शोर से कर रही जबकि सच्चाई बीजेपी की कुछ और ही है. कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार अति पिछड़ा दलित विरोधी फैसले ले रही है. भारत सरकार में 40 लोगों की बिना योग्यता परीक्षा दिए हुए अधिकारियों में सीधी बहाली हुई है. साथ ही कहा कि जेडीयू बीजेपी के खिलाफ सद्भाव बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम शुरू करने वाली है.
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की बहाली को लेकर उठाया सवाल
बीजेपी को कुशवाहा ने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा इस बहाली को किया गया था. इसमें एक भी बहाली दलित और पिछड़े वर्ग की नहीं हुई थी. प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की बहाली का फैसला यूजीसी ने लिया है. इस तरह की बहाली जो यूजीसी करने जा रहा है उसमें कोई भी शैक्षणिक योग्यता रहना जरूरी नहीं है. यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की बहाली में कमेटी का रिकमेंडेशन आधार होगा. इसमें आरक्षण प्रक्रिया खत्म हो गई और 10% बहाली इसी प्रक्रिया से कॉलेज में होगी. इस तरह के बहाली की प्रक्रिया करके आरक्षण को खत्म करने का काम केंद्र सरकार कर रही. बीजेपी इस तरह की बहाली का क्या कुछ अर्थ है बताएं?
जेडीयू बक्सर से शुरू करेगी नया कार्यक्रम
बीजेपी दलित विरोधी है इसलिए हम कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच जा रहे. बीजेपी जनता के बीच भ्रम और तनाव पैदा कर रही. बीजेपी की राजनीति समाज विरोधी है. जेडीयू पार्टी बक्सर से बीजेपी के खिलाफ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही. कार्यक्रम का नाम सद्भाव बचाओ देश बचाओ है. इस कार्यक्रम में नेता न तो जिला मुख्यालय और न ही सर्किट हाउस में रुकेंगे. वह लोगों के बीच गांव में रहेंगे. सभी को बताएंगे कि बीजेपी लोगों से खिलवाड़ कर रही. लोगों को आगाह करने की कोशिश करेंगे.
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