पटनाः बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने गुरुवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी है. जीतन राम मांझी ने इसपर मदन साहनी का साथ दिया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि मुझे यह नहीं पता कि मदन साहनी इस्तीफा दे रहे हैं या नहीं. यह बात सही है कि बिहार में विधायकों और कई मंत्रियों की बातों का अधिकारी तरजीह नहीं देते.
‘मदन साहनी की बात आंशिक रूप से सत्य’
जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में उन्होंने भी इस मसले को उठाया था. मदन सहनी जो कह रहे हैं वह आंशिक रूप से सत्य है. उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, “पत्र लिखकर जो मांग की थी उसे नरेंद्र मोदी ने मान लिया है. उन्होंने जो कमेटी बनाई थी उसकी बैठक कल रात हुई है.” जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए. अमीर लोग शराब पी रहे हैं और गरीब लोगों को जेल भेजा जा रहा है.
मंत्री मदन साहनी ने की है इस्तीफे की घोषणा
बता दें कि ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने गुरुवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी. मदन साहनी ने कहा कि घर और गाड़ी लेकर क्या करूंगा जब जनता की सेवा ही नहीं कर पा रहा हूं. जब अधिकारी मेरी सुनेंगे नहीं तो जनता की सेवा कैसे करूंगा. अगर जनता का काम नहीं कर सकता तो मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है.
ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल कर रहे बीजेपी के मंत्री
वहीं, दूसरी ओर बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर भी बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बड़ा दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें ज्यादातर बीजेपी के मंत्री शामिल हैं. इसमें खुलकर पैसा लिया गया है और एक-एक अफसर को 5-5 बार फोन किया गया कि आप आइए, पैसा दीजिए तब आपका ट्रांसफर होगा. कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब होने की वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो सकी है. जैसे ही वे ठीक होंगे उनसे मिलकर ये सारी बातें उन्हें बताउंगा.
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