Bihar Politics: पटना पहुंचते ही कन्हैया कुमार ने भरी हुंकार, बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर साधा निशाना, कही ये बात
कन्हैया कुमार ने कहा, " आज वोट को लोगों ने गुना गणित में फंसा दिया है. लेकिन इससे ऊपर उठ कर सोचना होगा. चुनाव से पहले और बाद में भी जो जनता के दुख दर्द में शामिल होते हैं, वही उनका नेतृत्व करेंगे.
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पटना: बिहार में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) को लेकर चुनाव प्रचार का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में शुक्रवार को कांग्रेस (Congress) के स्टार प्रचारक कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) अपने दोस्त जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) और हार्दिक पटेल (Hardik Patel) के साथ पटना पहुंचे. यहां उन्होंने सदाकत आश्रम में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान प्रदेश नेतृत्व ने कन्हैया समेत तीनों नेता का सम्मान किया. वहीं, पार्टी में आने पर उनका स्वागत किया.
बिहार के बिना कोई पूर्ण नहीं
इधर, पटना पहुंचते ही कन्हैया कुमार ने हुंकार भरी. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, " केवल गुजरात में हराने से काम नहीं चलेगा, जब तक बिहार में नहीं हराओगे तब तक काम नहीं बनने वाला. ये बात रास्ते में हार्दिक से मेरी हो रही थी. बिहार परिश्रम और ज्ञान की भूमि है. दशरथ मांझी ने एक छेनी और हथौड़े से पहाड़ में रास्ता बना दिया. महात्मा गांधी जब यहां आए तो वे यहीं महात्मा बन गए. बिहार के बिना कोई पूर्ण नहीं."
कन्हैया कुमार ने कहा, " भारत का कोई हिस्सा नहीं जहां हम गए नहीं. सभी जगह ये सुना कि बिहारी बड़े परिश्रमी होते हैं. बिहारी होने का मतलब गाली नहीं, गौरव हो. यही लड़ाई लड़नी है. " उन्होंने कहा, " जिस पार्टी ने देश को आजादी दिलाई, वही इस देश को बचा भी सकती है. सामाजिक न्याय के साथ सामाजिक एकता की जरूरत है. बिहार के 12 करोड़ लोग चाहे वो किसी भी मजहब से हों, अगर पार्टी आपके सम्मान के लिए लड़ेगी तो आपको साथ देना होगा."
तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
अंत में बिना नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम लिए उन्होंने कहा कि हमारा कोई इतिहास नहीं है. आपके तरह साधारण परिवार का बच्चा हूं और कांग्रेस में आया हूं, ताकि कह सकूं जिसके पास थाती है, वो छाती में समा लिया है. एकमात्र नेता राहुल गांधी ही ऐसे नेता हैं, जिन्होंने हाथ फैलाकर हमें अपना लिया, इस पार्टी में सहिष्णुता है. हम किसी की लकीर मिटाए बिना, अपनी लकीर खिंच कर दिखाएंगे.
उन्होंने कहा, " भारत की संस्कृति ऐसी है, हम सबको लेकर चलते हैं. यहां विविधता में एकता है और इसे कांग्रेस ही सहेज कर चल सकती है. सदाकत का मतलब ही सच्चाई है. अगर आपको लगता है कि देश झूठे के साथ है तो आप कांग्रेस का साथ दो. हम पार्टी के तौर पर सिर्फ अपनी हक की बात करते हैं, एक पढ़ा लिखा इंसान लठैत वाली भाषा बोलता है. किसी के लिए कुर्सी के लिए बड़ा खेला हुआ होगा, लेकिन आज भी देश की संस्कृति पर भरोसा रखें."
कांग्रेस कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी
कन्हैया कुमार ने कहा, " आज वोट को लोगों ने गुना गणित में फंसा दिया है. लेकिन इससे ऊपर उठकर सोचना होगा. चुनाव से पहले और बाद में भी जो जनता के दुख दर्द में शामिल होते हैं, वही उनका नेतृत्व करेगा. बिहार में कांग्रेस सत्ता में नहीं है. लेकिन अगर कोई वोट मांगने जाए तो आप पूछें कि क्या दिया आपने? एक तरफ वो हैं जो अंग्रेजों के साथ चाय पर चर्चा कर रहे हैं. वहीं, एक तरफ वो हैं जिन्होंने आजादी के लिए जान गंवाई है.
उन्होंने कहा, " हमारा ताल्लुक उस परिवार से है, जिस परिवार से कांग्रेस और कम्युनिस्ट के शीर्ष नेता पैदा लिए. आपको इतना तो पता है कांग्रेस कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. कुछ टुच्चे दो-चार चले जाते हैं. आज देश की आजादी अगर खतरे में है, तो जिसने आजादी दिलाई, वही जीत दिलाएगा."
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