पटना: बिहार की राजनीति के लिए 12 फरवरी का दिन काफी खास रहा. विधानसभा में एनडीए सरकार ने ना सिर्फ फ्लोर टेस्ट को पास किया बल्कि आरजेडी के तीन विधायकों का भी समर्थन मिल गया. आरजेडी विधायक नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रहलाद यादव ने सत्ता पक्ष के साथ दिखे. अब इस सियासी खेल के पीछे की वजहों की चर्चा शुरू हो गई है. सवाल उठाए जा रहे हैं कि इन विधायकों ने ऐसा कदम क्यों उठाया? नीलम देवी को लेकर दो वजहों की खूब चर्चा हो रही है. इस सियासी खेल को समझिए.


दरअसल, आरजेडी छोड़ने के बाद विधायक चेतन आनंद और प्रहलाद यादव ने मीडिया को इसके पीछे का कारण बता दिया है. हालांकि नीलम देवी की ओर से अभी तक प्रतिक्रिया नहीं आई है. सबसे पहले समझिए कि नीलम देवी कौन हैं. मोकामा विधानसभा से चार बार विधायक रहने वाले बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी हैं. अनंत सिंह को 10 साल की सजा हुई जिसके बाद उनके विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई. जून 2022 में चुनाव हुआ और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी आरजेडी से जीत गईं.


नीलम देवी ने बीजेपी प्रत्याशी सोनम देवी को करीब 16000 मतों से पराजित किया था. इससे पहले 2019 में नीलम देवी कांग्रेस के टिकट पर मुंगेर लोकसभा से चुनाव लड़ी थीं और दूसरे नंबर पर रही थीं. अब समझिए आरजेडी छोड़ने के दो कारण.


आरजेडी छोड़ने की पहली वजह समझें


नीलम देवी आरजेडी से विधायक तो बन गईं, लेकिन ऐसा लग रहा है कि वह जो चाहती थीं वह हो नहीं पा रहा था. अनंत सिंह अभी तक पटना के बेउर जेल में बंद हैं. नीलम देवी की चाहत थी कि सरकार इस पर पहल करे और अनंत सिंह किसी तरह बाहर आ जाएं. अब जब तेजस्वी यादव खुद ही सरकार में नहीं हैं तो अनंत सिंह को बाहर लाने में मुश्किल हो सकती थी. पहली वजह यह भी है कि वह सरकार में रहना चाहती हैं ताकि अनंत सिंह के लिए कुछ बात हो तो वो बन सके.


बता दें कि मोकामा विधानसभा से जीत के लिए वह आश्वस्त हैं. वह जानती हैं कि वहां से जीतने के लिए कोई पार्टी का टिकट मायने नहीं रखता है. अनंत सिंह की पहचान ही उनकी जीत के लिए काफी है.


दूसरी वजह क्या है?


दूसरी एक बड़ी वजह जिसकी चर्चा हो रही है वह यह है कि नीलम देवी इस बार एनडीए की ओर से मुंगेर लोकसभा सीट पर दावा ठोक सकती हैं. 2019 में वह मुंगेर लोकसभा सीट से दूसरे नंबर पर रही थीं. उन्हें 3 लाख 60 हजार के करीब वोट प्राप्त हुए थे. उस वक्त मोकामा विधानसभा में नीलम देवी को सबसे अधिक वोट मिले थे. जेडीयू के ललन सिंह जीते थे. अभी मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सांसद हैं. अब सवा उठ रहा है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में ललन सिंह का पत्ता कटने वाला है? ऐसी खबरों की सियासी गलियारे में चर्चा जरूर है लेकिन किसी तरह का बयान नहीं आया है.


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