Bihar Politics: ललन सिंह ने कहा- तेजस्वी यादव अव्यवस्था के प्रतीक, इन्हें रोजगार और बेरोजगारी पर बात करने का हक नहीं
नीतीश कुमार ने 22 दिसंबर से बिहार में ‘समाज सुधार अभियान’ के तहत यात्रा की शुरुआत की है. तेजस्वी ने इसपर निशाना साधा और कहा था कि बिहार को 'समाज सुधार' से अधिक 'व्यवस्था सुधार' यात्रा की आवश्यकता है.
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पटनाः जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने बुधवार को दिल्ली में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और उनके माता-पिता के शासनकाल को लेकर हमला बोला. ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अव्यवस्था के प्रतीक रहे हैं. लाल प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के शासनकाल में जो अव्यवस्था थी वही उनको समझ में आता है, उसके आगे उनको समझ में नहीं आता है. आज 15 साल में जो दिख रहा है वो व्यवस्था ही है और कानून का राज है.
एक सवाल पर कि तेजस्वी यादव ने कहा है कि वो बेरोजगारी यात्रा निकालेंगे इसपर ललन सिंह ने कहा कि उनको (तेजस्वी यादव) क्या जानकारी है रोजगार के बारे में, हमने एक सवाल पूछा आज तक तो उसका जवाब नहीं दिया. लालू और राबड़ी ने बिहार में 15 वर्षों तक शासन किया, कितने लोगों को रोजगार दिया गया, कितनी सरकारी नौकरियां हुईं इसका भी तो खाका बताएं.
मा० राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललन सिंह जी ने दिल्ली में कहा कि कुव्यवस्था और बेरोजगारी के प्रतीक लोग अपने माता-पिता की 15 वर्षों के शासनकाल की उपलब्धियां गिनवाये, बिहार में 2005 तक की जो भी कुव्यवस्थाएं थी उसे माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar ने ठीक कर सुव्यवस्थित कर दिया है। pic.twitter.com/mNQz8yzmlW
— Janata Dal (United) (@Jduonline) December 22, 2021
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‘लालू-राबड़ी के शासन में कितनी बहाली हुई?’
ललन सिंह ने कहा कि पहले बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा नहीं होती थी. सिपाही-दारोगा की बहाली की परीक्षा नहीं होती थी. नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता संभाली तो पुलिस-दारोगा को प्रशिक्षित किया गया. उनके समय में आधुनिक हथियार मालखाने में पड़े थे. क्योंकि उस समय बहाली ही नहीं हुई. उनको प्रशिक्षित ही नहीं किया गया. आज देख लें कि कितने डिप्टी कलेक्टर, कितने सिपाही और दारोगा की बहाली हुई.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 दिसंबर से बिहार में ‘समाज सुधार अभियान’ के तहत यात्रा की शुरुआत की है. इसी को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने निशाना साधा और कहा था कि बिहार को 'समाज सुधार' से अधिक 'व्यवस्था सुधार' यात्रा की आवश्यकता है. क्योंकि व्यवस्था दुरुस्त होने से अधिकांश सामाजिक समस्याएं स्वतः दूर हो जाएंगी. प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है. मानिए, आपका सिस्टम पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है.
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