पटना: केंद्रीय मंत्री और पूर्व जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) से नजदीकी क्या अब पार्टी नेताओं को महंगी पड़ेगी? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि जेडीयू प्रदेश कार्यालय (JDU Party Office) में गुरुवार को आयोजित बैठक में ललन सिंह (Lalan Singh) ने आरसीपी सिंह के करीबी मानें जाने वाले पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और चंदन सिंह की छुट्टी प्रदेश मुख्यालय से कर दी है. दरअसल, आज जेडीयू अध्यक्ष की अध्यक्षता में पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के प्रभारियों की बैठक बुलाई गई थी. 


कई प्रभारियों की लगाई क्लास


इस दौरान ललन सिंह ने प्रभरियों से उनकी वर्क रिपोर्ट मांगी. साथ ही वे आगे क्या करने की सोच रहे हैं, इस पर भी चर्चा की. इस दौरान जिसका काम उन्होंने संतोषजनक नहीं पाया, उसे फटकार लगाई. साथ ही आगे मन लगाकर काम करने की बात कही. बैठक के बाद पार्टी के सभी प्रकोष्ठों में कई फेर बदल किए गए हैं. लेकिन प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और चंदन सिंह को हटाए जाने से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. 


नियुक्ति रद्द कर दी गई


बैठक के समापन के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद ललन सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिसमें जिले में कार्यरत लोकसभा और विधानसभा प्रभारी की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है. ऐसा निर्णय पार्टी हित में लिया गया है, ताकि पार्टी की मजबूती और विस्तार अभियान को तेज रखा जाए.


वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि जिले में कार्यरत लोकसभा और विधानसभा प्रभारियों को पार्टी से हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्हें सम्मान के साथ जल्द ही पार्टी में अन्य जिम्मेदारियां दी जाएगी, ताकि वे सभी संगठन की मजबूती के लिए कार्य कर सकें. पार्टी में अनुशासन जरूरी है, इसलिए इस समीक्षा बैठक के जरिए पार्टी के प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों को इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है.


उन्होंने कहा, " उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) अपने पुराने स्टैंड पर कायम है. पार्टी एनडीए के साथ मिलकर उत्तरप्रदेश में चुनाव लड़ने को इच्छुक है. लेकिन यदि एनडीए के साथ तालमेल नहीं हुआ तो पार्टी उत्तरप्रदेश में अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी."


नई रणनीति के तहत लिया फैसला


वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा बताया कि पार्टी की नई रणनीति के तहत पार्टी के तमाम 32 प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जिले में कार्यरत लोकसभा और विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति को रद्द की गई है. हालांकि, जिलों में कार्यरत मूल (पार्टी द्वारा मनोनीत) विधानसभा प्रभारी बने रहेंगे.


उन्होंने कहा कि पार्टी की नई व्यवस्था के तहत जिलों में तैनात पार्टी के जिलाध्यक्षों कि नेतृत्व में जिलों में कार्यरत सभी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्षों को तालमेल के साथ पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करने को कहा गया है. यानी अब पार्टी के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में जिले के तमाम प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्षों को कार्य करने का निर्देश दिया गया है.


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