Bihar Politics: जानें- क्यूं रामविलास पासवान की राज्यसभा सीट पर फिर एक बार एनडीए में फंस सकता है पेंच
चुनाव आयोग एलजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर उपचुनाव कराने की तैयारी में है. मिली जानकरी अनुसार चुनाव आयोग विधानसभा कोटे से खाली हुई सीट के लिए 26 नवंबर को अधिसूचना जारी करेगी और 16 दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है. चुनाव परिणाम के घोषणा के बाद सीएम नीतीश के नेतृत्व में मंत्री मंडल और नई सरकार का गठन हो चुका है. अब चुनाव आयोग एलजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर उपचुनाव कराने की तैयारी में है. मिली जानकरी अनुसार चुनाव आयोग विधानसभा कोटे से खाली हुई सीट के लिए 26 नवंबर को अधिसूचना जारी करेगी और 16 दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
लेकिन, इस चुनाव में फिर एक बार एनडीए में पेंच फंस गया है. दरअसल, एलजेपी नेता रामविलास पासवान के निधन से बिहार से राज्यसभा की खाली हुई सीट पर दावेदारी को लेकर कंफ्यूजन है. कंफ्यूजन इस बात को लेकर है कि यह सीट किसके खाते में जाएगी. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2019 के बाद एनडीए घटक दल बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी ने आपसी तालमेल से रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजा था.
लेकिन, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए का समीकरण बदल गया है. बिहार में एलजेपी अब एनडीए के हिस्सा नहीं है, जबकि के केंद्र में एलजेपी और बीजेपी का गठबंधन है. दरअसल, सीटों का तालमेल नहीं बैठने की वजह से विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ा. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस बार राज्यसभा की यह सीट किसके खाते में जाएगी?
गौरतलब है कि 2019 में रामविलास पासवान बीजेपी और जेडीयू के सहयोग से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए थे. इस सीट का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक है. चूंकि, विधानसभा चुनाव में लोजपा के चलते जेडीयू को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान के बयानों से जेडीयू नेताओं में नाराजगी भी है. ऐसे में एलजेपी को यह सीट देने के लिए बीजेपी को जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार को मनाना आसान नहीं होगा.
बता दें कि इस एक सीट के उपचुनाव के लिए 14 दिसंबर को मतदान कराया जाएगा. इसके पहले तीन दिसंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकेगा. चार दिसंबर को स्क्रूटनी की तारीख तय की गई है. प्रत्याशी सात दिसंबर तक अपनी दावेदारी वापस ले सकते हैं. जरूरत पड़ी तो 14 दिसंबर को मतदान होगा. सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान का समय तय किया गया है.