पटना: बिहार में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) से हुई मौतों पर मुआवजे के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ उनके ही सहयोगी दल खड़े हैं. ये बयान सीपीआई के नेता विधायक दल कॉमरेड महबूब आलम (Mehboob Alam) ने दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जहरीली शराब से मुआवजे के मुद्दे पर बिहार की महागठबंधन सरकार की सात में से छह घटक दल एक साथ हैं. सभी की मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने पर सहमति है. एबीपी से मंगलवार को बातचीत के दौरान उन्होंने इसे लेकर कई बातें कहीं हैं.


सभी छह दल मुख्यमंत्री से असहमत


महबूब आलम ने कहा कि मुआवजे के मुद्दे पर महागठबंधन में सीपीआई (एमएल), सीपीआईएम, सीपीआई, मांझी की हिन्दुस्तान अवामी पार्टी, कांग्रेस और आरजेडी भी एक साथ है. सभी पार्टी उनसे सहमत है. आगे कहा कि हमने 10 लाख मुआवजा देने की और साथ ही पुनर्वास की बात कही है.  सिर्फ गरीब गुरबा ही मरा है. मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास भी नहीं है उसमें मरने वालों में बस दलित हैं, पिछड़े और माइनॉरिटी के ही लोग हैं. इनकी मौतों पर सरकार को उनके परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देना चाहिए. महबूब आलम का ये बयान नीतीश कुमार के खिलाफ है. अपने ही दल में सीएम सभी पार्टियों द्वारा घेरे जा चुके हैं.


मुख्यमंत्री ने साफ कहा था नहीं देंगे मुआवजा


बता दें कि बिहार में जहरीली शराब से कथित तौर पर 80 से ज्यादा लोगों की मौत की बात कही गई है. हालांकि प्रशासनिक पुष्टि केवल 38 लोगों की ही हुई है. विपक्ष ने शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री को जबरदस्त घेरा था. बार बार इस्तीफे की मांग की गई और मुआवजा देने पर अड़े रहे. इधर, नीतीश कुमार ने साफ कह दिया कि शराब पीना गंदी बात है. बिहार में शराबबंदी है और लोग फिर भी शराब पीने से मर रहे हैं. इसमें मुआवजा देने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है. वहीं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने भी यही कहा था कि जहरीली शराब से मौतों पर मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है.


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