Bihar Politics: अनुकंपा वाले बयान पर भड़के सहनी, कहा- BJP के कहने पर भौंक रहे अजय निषाद, ध्यान देने की जरूरत नहीं
मुकेश सहनी ने कहा कि अजय निषाद खुद की भाषा नहीं बोल रहे हैं. वो बीजेपी के कहने पर "भौंक" रहे हैं. बीजेपी बोलेगी चुप रहने को तो वो चुप रहेंगे. इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है.
पटना: बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) इन दिनों काफी एक्शन में दिख रहे हैं. यूपी में अपने पांव जमाने में लगे सीएम नीतीश के मंत्री इन दिनों यूपी का दौरा कर रहे हैं. वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को टक्कर देने की तैयारी में हैं. हालांकि, ये बात बीजेपी (BJP) को रास नहीं आ रही है. बीजेपी सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad) का कहना है कि उनकी महत्वाकांक्षा काफी अधिक है. वे राजनीति में बहुत जल्दी, बहुत कुछ हासिल कर लेना चाहते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि वो बीजेपी की अनुकंपा पर हैं. वे पहले ऐसे नेता हैं, जो हार कर नेता बने हैं. योगी के सामने उनका टिकना भी मुश्किल है. टक्कर तो बहुत दूर की बात है.
सहनी ने किया पलटवार
अजय निषाद के इस बयान पर शुक्रवार को सहनी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अजय निषाद खुद की भाषा नहीं बोल रहे हैं. वो बीजेपी के कहने पर "भौंक" रहे हैं. बीजेपी बोलेगी चुप रहने को तो वो चुप रहेंगे. बीजेपी के कौन लोग ये बोल रहे हैं, ये मुझे नहीं मालूम, लेकिन पार्टी के स्तर से ही वो बोल रहे हैं. इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन इस बात से थोड़ी तकलीफ है कि हमारे समाज का बेटा ही हमारे बारे में ऐसा बोल रहा है.
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उन्होंने कहा कि इस बात से स्वर्गीय कैप्टन साहब की भी आत्मा को ठेस पहुंची होगी कि उनका बेटा दूसरे के इशारे पर भौंक रहा है. इस बात से हमें कोई एतराज नहीं, उन्हें जो करना है करें. मैं मल्लाह का बेटा हूं, बीजेपी जितना चाहे गाली दिलवाए, मार खिलाए, जो करना है, करे. हमें कोई एतराज नहीं. हमें पता है कि हम संघर्ष करने वाले लोग हैं और संघर्ष कर के ही यहां तक आए हैं. आने वाले समय में भी जो हमारा लक्ष्य है, निषाद समाज के आरक्षण दिलाने का वो आरक्षण हम दिलाकर रहेंगे.
प्रेशर पॉलिटिक्स करना चाहती है बीजेपी
सहनी ने कहा कि वो लोग प्रेशर पॉलिटिक्स करना चाहते हैं. उन्हें जो भी करना है करे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. हमें पता है कि हमें जमीन पर संघर्ष करना है, लड़ाई लड़नी है. कई जगह गाली, तो कहीं मार भी खाना है. तो ये उन्हें सोचना है. हम तो मार और गाली खाने के लिए खड़े हैं, हम तो जमीन पर अपना काम करेंगे ही.
मुकेश सहनी ने कहा कि ये तो सभी को पता है कि बिहार में जो सरकार बनी है, वो चार पार्टियों के सहयोग से बनी है. ऐसे में जितना पवार 74 विधायक वाले पार्टी के पास है, उतना ही पवार चार वाले का भी है. चारों पार्टी मिलाकर ही 123 का आंकड़ा पार हुआ है. अगर उन चार में से एक भी नहीं मिलता तो सरकार नहीं बनती. ये सरकार हमारी है और हमारे सहयोग से ये सरकार बनी है. वीआईपी पार्टी के सहयोग से जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी है, तो भला हम कैसे अनुकंपा पर हैं. हम तो ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं कि हम अपने दम पर अपनी दुनिया बनाए हैं. उन्हें विरासत में राजनीति मिली है. लेकिन उसको भी वो संभाल नहीं पा रहे हैं. दूसरे के इशारे पर बोल रहे हैं.
गठबंधन में इतने भी नासमझ लोग नहीं
बोचहां सीट को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे फर्क नहीं पड़ता है. किसी को अगर लगता है कि गठबंधन तोड़ना है, तो वो खुद तोड़ लें. मुझे सीट बताने की जरूरत नहीं है, वो सीट वीआईपी की है और वीआईपी मजबूती से वहां से चुनाव लड़ेगी. हम जब यूपीए में भी थे तो उस समय भी अपने कंडीशन पर चुनाव लड़ते थे. महागठबंधन में बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ा और अपनी ताकत को दिखाई. जहां तक सीट की बात है तो वो हमारा है, कुछ लोग अपने मन से ही भौंक रहे हैं, तो मुझे कोई परवाह नहीं. उस सीट को लेकर कोई बात ही नहीं हुई है और मुझे लगता है कि मेरे गठबंधन में इतने भी नासमझ लोग नहीं है कि वहां से किसी दूसरे पार्टी को वह टिकट देंगे.
क्या बीजेपी भी उनके पीठ में खंजर घोंपने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कौन क्या करेगा मुझे नहीं पता. हम संघर्ष करने वाले लोग हैं. हमने संघर्ष किया है, उसी के बदौलत यहां तक पहुंचे हैं और आगे भी करेंगे. अब कौन लोग हमारे पीठ में खंजर घोप रहे या सीने में मुझे इसकी परवाह नहीं है. जिन लोगों ने पीठ में खंजर घोपा उनके साथ 2020 में क्या हुआ सबने देखा. अब अगर किसी को घोंपना है, तो घोपे फिर 2024 में देखेंगे क्या होगा. हम बॉम्बे से यहां मंत्री बनने के लिए नहीं आये थे. इससे बेहतर जिंदगी जी रहे था उसको छोड़कर अपने लोगों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए मैं बिहार आया हूं, तो मुझे इन सब चीजों की परवाह बिल्कुल भी नहीं है.
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