पटना: असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के चार विधायकों की आरजेडी में बुधवार को एंट्री के बाद से बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. ऐसे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. सबसे अहम सवाल मुस्लिम मतदाताओं को लेकर उठने लगे हैं. इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या मुस्लिम अब तेजस्वी यादव के साथ हो गए?
दरअसल, बिहार की राजनीति दो ध्रुवीय रही है. एनडीए और महागठबंधन. यहां दोनों की स्थिति मजबूत है. 2020 के विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच हार-जीत का फासला भी कुछ ही सीटों का रहा. आरजेडी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. तीन महीने पहले मुकेश सहनी के विधायकों की बीजेपी में एंट्री के बाद बीजेपी के विधायकों की संख्या सबसे अधिक हो गई थी, लेकिन बुधवार को तेजस्वी यादव ने एआईएमआईएम के चार विधायकों को अपनी पार्टी में जोड़ लिया. अब एक बार फिर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. ऐसे में तेजस्वी यादव के साथ मुस्लिम मतदाताओं के आने के सवाल पर जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं ने क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं.
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जाति और समुदाय की राजनीति नहीं करती कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान ने कहा कि इस देश में मैं किसी समुदाय के नेता की बात कभी नहीं करता. देश की समस्या, सबकी समस्या है. मुस्लिमों का नेता, हिंदूू का नेता या किसी और जाति का नेता जैसे बहस में कांग्रेस पार्टी कभी पड़ती नहीं है. उन्होंने कहा कि देश को संभालना है और जनता को संभालना है. देश की समस्याओं के साथ अगर हमें जूझना है तो जनता के हर समूह और वर्ग को साथ लेना होगा. आरजेडी में चार विधायकों के शामिल होने के बाद हो रही चर्चा के सवाल को वह टालते नजर आए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबके लिए करते हैं काम
बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और जेडीयू नेता जमा खान ने कहा कि दो-चार लोगों से पूरे मुस्लिम के बारे में नहीं कहा जा सकता है. आरजेडी में शामिल हुए एआईएमआईएम के विधायकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, जिसकी जो साच है, वो वहां गए. 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में बता दिया जाएगा की मुस्लिम का लीडर कौन है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबकी बात करते हैं, सबके लिए काम करते हैं. अल्पसंख्यक समाज को शिक्षित करने के लिए लगातार काम हो रहा है.
लालू और तेजस्वी दोनों को लोग मानते हैं नेता
आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि शुरू से ही गरीब, वंचित, मुस्लिम और कमजोर वर्ग के लोग लालू प्रसाद को नेता मानते आ रहे हैं. ये लोग हमेशा आरजेडी के साथ रहे हैं. यही कारण है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी बन गई. लंबे समय तक यहां पर आरजेडी की सरकार भी रही है. आज आरजेडी का नेतृत्व लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव दोनों के पास है. लोग दोनों को अपना नेता मानते हैं.
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