Bihar Politics News: अचानक राज्यपाल से क्यों मिले नीतीश कुमार? 'इंडिया' में सीट शेयरिंग पर खुलकर बोली जेडीयू
Bihar Politics: राजभवन में जाकर नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की है. करीब एक घंटे तक हुई मुलाकात को लेकर कई तरह के सियासी मायने बिहार में निकाले जा रहे हैं.
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पटना: बिहार की सियासत में एक बार फिर बवाल मच गया है. मंगलवार (23 जुलाई) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अचानक बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर (Rajendra Arlekar) से मिलने के लिए पहुंच गए जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई है.
मुलाकात के बाद सीएम नीतीश कुमार पत्रकारों से बात किए बिना ही चले गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने के लिए पहुंचे तो उनके साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी थे. अब इस एक घंटे तक हुई मुलाकात को लेकर कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
किस लिए मिलने गए थे नीतीश कुमार?
राजभवन में जाकर नीतीश कुमार क्यों मिले इसको लेकर जो भी मायने निकाले जा रहे हों लेकिन कहा जा रहा है कि इस मुलाकात की कोई राजनीतिक वजह नहीं है. अनेक विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्ति के सिलसिले में मिलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गए थे. अब सियासी गलियारों के पंडित अपनी-अपनी नजर से इसे देख रहे हैं.
सीएम नीतीश कुमार मारेंगे पलटी?
उधर सियासी गलियारों में इस तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि क्या नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे? क्या नीतीश कुमार फिर से एनडीए में जाएंगे? बता दें कि जीतन राम मांझी भी कह चुके हैं कि अगर नीतीश कुमार फिर से आते हैं तो वह विरोध नहीं करेंगे, लेकिन फैसला बीजेपी को करना है. हालांकि नीतीश कुमार को लेकर बीते कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं.
मुलाकात से बढ़ गई सियासी हलचल
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही इस तरह की तमाम तरह की अटकलों को तेजस्वी यादव ने खारिज किया था. लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर सवाल को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा था कि यह सवाल एनडीए के लोगों से भी होना चाहिए. क्या वहां सीट बंटवारा हो गया? अब अचानक राज्यपाल और नीतीश कुमार की मुलाकात को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है.
'बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर सबसे कम दिक्कते हैं'
बिहार को लेकर 'इंडिया' गठबंधन में अभी तक सीट शेयरिंग नहीं हुई है. जेडीयू इसको लेकर पहले भी नाराजगी जता चुकी है. अब जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत है और बिहार में सबसे कम दिक्कते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर नीतीश कुमार चिंता जाहिर करते हैं तो यह सही बात है.
सियासी हलचल के बीच जेडीयू बोली- 'ऑल इज वेल'
जेडीयू कोटे के मंत्री जमा खान ने सीएम नीतीश के राज्यपाल से मुलाकात को लेकर कहा कि बड़े लीडर हैं. नेता हैं. मिल रहे हैं. उसमें हम क्या बोल सकते हैं? हमारे लोगों के परिवर्तन की लड़ाई है. जब मंत्री से पूछा गया कि बिहार की राजनीति में भी परिवर्तन हो सकता है क्या? तो मंत्री ने कहा कि कैसा परिवर्तन?चर्चाएं तो मीडिया के भाई बनाते हैं.
Bihar Politics: खरमास के बाद कुछ होने वाला था बड़ा
बता दें कि विपक्ष के कई नेताओं की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा था कि खरमास के बाद कुछ बड़ा हो सकता है. बिहार में सियासी खेल हो सकता है. महागठबंधन में लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा अब तक नहीं हुआ है जिसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे थे. अब खरमास के खत्म होने के बाद बिहार की सियासत गर्म हो चुकी है.
Bihar News: आज कार्यक्रम में नीतीश के साथ शामिल हुए थे तेजस्वी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. अशोक चौधरी समेत अन्य नेता भी इस मौके पर उपस्थित रहे.
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती, 'देश प्रेम दिवस' पर आयोजित राजकीय समारोह में माननीय राज्यपाल श्री @rajendraarlekar जी व माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी के साथ सम्मिलित हुआ तथा नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पार्पण कर उन्हें भावपूर्ण… pic.twitter.com/tOq2O9sr80
— Dr. Ashok Choudhary (@AshokChoudhaary) January 23, 2024
Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी बोले- 'खेला होबे'
उधर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बंगला में कहते हैं, “खेला होबे”, मगही में कहते हैं, “खेला होकतो”, भोजपुरी में कहते हैं, “खेला होखी” बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं."