पटना: बिहार में नेताओं के बीच ट्वीट वार सुर्खियों में रहती है. रोज कुछ न कुछ बयानबाजी होती है. रविवार को ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने पासामंद मुसलमानों को बीजेपी द्वारा जोड़े जाने  और मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की बात को लेकर एक ट्वीट में हमला बोला था. इस पर बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने पलटवार करते हुए मांझी पर निशाना साधा है. निखिल आनंद ने मांझी को फ्री और उधार का ज्ञान न देने की सलाह दी है. साथ ही कहा कि वह सुर्खियां बटोरने के लिए कुछ भी कर सकते.


‘अन्य पार्टी के प्रवक्ता के रूप में न हो इस्तेमाल’


रविवार को मांझी के ट्वीट पर वार करते हुए निखिल आनंद ने लिखा कि “जीतन राम मांझी कभी-कभी सुर्खियां बटोरने के लिए टिप्पणी करते हैं. मांझी जैसे वरिष्ठ सम्मानित नेता को किसी भी अन्य पार्टी या नेता के मुखपत्र या प्रवक्ता के रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. बीजेपी जैसी लोकतांत्रिक पार्टी को किसी मुफ्त और उधार की सलाह की कतई जरूरत नहीं है.



बीजेपी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार


बता दें कि जीतन राम मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि बीजेपी देश भर में पासमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की बात कर रही है. मांझी को उम्मीद है कि अबकी बार बिहार से बीजेपी किसी पासमांदा मुसलमान को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करेगी. अगर बीजेपी ऐसा करेगी तो ही माना जाएगा कि बीजेपी को पासमांदा मुसलमानों की फिक्र है या नहीं है.


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