पटनाः बीते रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहली बरसी मनाई गई. इस मौके पर उनके बेटे और एलजेपी सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने तमाम लोगों को पुण्यतिथि पर शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया था. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) नहीं पहुंचे. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि इससे अच्छा संदेश नहीं गया है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार नहीं पहुंचे हैं यह उनका व्यक्तिगत राय हो सकता है. इसमें कोई जोर जबरदस्ती नहीं किया जा सकता है, लेकिन एक शिष्टाचार जो है वह होना चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि रामविलास पासवान हमलोगों के अभिभावक रहे हैं. बिहार ही नहीं बल्कि देश के बड़े नेताओं में से एक थे. वह मास लीडर रहे हैं. विश्वास नहीं हो रहा है कि आज वह हमलोगों के बीच में नहीं हैं. उनका जीवन संघर्षों से रहा है. गरीबों का ख्याल रखना, वंचितों और शोषितों के लिए हमेशा मजबूती से आवाज उठाना उनका काम हमेशा से रहा है. जनता के प्रति उन्होंने अपनी आवाज को बुलंद किया है.
रामविलास पासवान से मिला बेटे जैसा प्यार
रामविलास पासवान की विचारधार को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि आज वो हमलोगों के बीच नहीं है लेकिन जो उनकी विचारधारा रही है वह अब हमारी जिम्मेदारी है कि उसे जन-जन तक पहुंचाएं. तेजस्वी ने कहा कि, “मैं सौभाग्यशाली हूं कि रामविलास पासवान से कुछ सीखने को मिला. मैं जब भी मिलता था तो एक बेटे के जैसा प्यार मिला है. रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद के लिए राजकीय समारोह मनाने की मांग की है. साथ ही दोनों बड़े नेताओं की बिहार में मूर्ति की स्थापना करने की भी मांग कर चुका हूं.”
वहीं, इस मुलाकात पर चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी से उनकी कुछ दिनों पहले मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा भी था कि वह जरूर आएंगे. लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती से भी उन्होंने मुलाकात की थी. कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग पहुंचे हैं इसके लिए सबका धन्यवाद करता हूं.
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