पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा 237.881 करोड़ की लागत से 38 थाना भवन, सुपौल पुलिस लाईन, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिहटा सहित कुल 94 नवनिर्मित पुलिस भवनों का उद्घाटन और 149.96 करोड़ की लागत से बनने वाले 57 पुलिस भवनों का शिलान्यास किया. 


पुलिस बल की संख्या बढ़ायी गई


इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2005 से जब हमें काम करने का मौका मिला उसके बाद हमें पता चला कि पुलिस बल की काफी कमी है. उनके पास वाहन, हथियार के साथ-साथ उनके रहने सहने की भी समस्या है. पुलिस भवनों का भी अभाव है. ऐसे में इन सभी चीजों पर काम किया गया. पुलिस बल की संख्या बढ़ायी गई, उनके लिए वाहन और आधुनिक हथियार उपलब्ध कराए गए. 


उन्होंने कहा कि पुलिस भवन निर्माण निगम का गठन 1974 में हुआ था. इसको साल 2007 में हमने रिवाइव किया. इसके बाद से ही थाना और पुलिस विभाग के कई भवनों का निर्माण पुलिस भवन निर्माण निगम से कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस थानों को दो विंग में बांटा गया है. एक विंग लॉ एण्ड ऑर्डर देख रहा है और दूसरा अनुसंधान के कार्य में लगा है. कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाये रखने के साथ-साथ अनुसंधान कार्य भी तेजी से करें. 


बिहार में सबसे अधिक महिला पुलिस बल


मुख्यमंत्री ने पूछा, " पहले पुलिस बल में महिलाओं की संख्या कितनी थी? हमलोगों ने तय कर पुलिस बल में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया. आज जितनी संख्या में महिलाएं बिहार पुलिस बल में हैं, उतनी संख्या में पूरे देश में महिलाएं पुलिस बल में नहीं हैं." उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए थानों में अलग से व्यवस्था की जा रही है. उनके लिए रहने के साथ-साथ सभी जरूरी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं.


हर थाने में होगी महिला पुलिस की तैनाती


नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने तय किया है कि हर थाने और सरकारी कार्यालयों में महिला पदाधिकारी एवं कर्मी की उपस्थिति हो, इससे वहां शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि राजगीर में पुलिस एकेडमी अच्छा बना है. अभी भी उसका कुछ कार्य बाकी है, उसे जल्द से जल्द पूरा करें. पुलिस भवन निर्माण निगम समय तय करके इसके काम को तेजी से पूर्ण करें.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पेट्रोलिंग का काम निरंतर हो, जहां भी अपराध की घटनायें हो. उनका अनुसंधान तेजी से हो. स्पीडी ट्रायल का काम भी ठीक से हो ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके. जो भी शराब के कारोबार में लिप्त हैं उन पर कड़ी कार्रवाई करें, शराब धंधेबाजों को छोड़ना नहीं है. जिन थानों को जिम्मेदारी मिली है वे थाने काम कर रहे हैं या नहीं उस पर भी नजर रखें. पुलिस एकेडमी से नये ट्रेंड अधिकारियों को शराब धंधेबाजों को पकड़ने में लगाइये.



यह भी पढ़ें -


Gopalganj News: गोपालगंज के डीएम ने डॉक्टरों को दी चेतावनी, कहा- ईमानदारी से करें यह काम


बिहारः कोर्ट ने फिर सुनाया अनोखा फैसला, '5 बच्चों को 6 माह तक मुफ्त में देना होगा आधा-आधा लीटर दूध'