पटना: बिहार के राजस्‍व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय (Ram Surat Rai) इन दिनों सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से नाराज चल रहे हैं. हालांकि इस मामले में जेडीयू (JDU) कोटे के मंत्री बयान देने से बचते नजर आ रहे हैं. जेडीयू नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Building Construction Minister Ashok Chaudhary) से रविवार को जब इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो वह नो कमेंट कहते हुए चलते बने.


दरअसल, 30 जून को रामसूरत राय ने 110 से ज्यादा अंचलाधिकारी (CO) का तबादला किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे रद्द कर दिया है. सीएम के आदेश के बाद रामसूरत राय ने बयान दिया है कि अब वे जनता दरबार नहीं लगाएंगे. रामसूरत राय ने मुख्यमंत्री पर भी अप्रत्‍यक्ष रूप से सवाल  खड़े कर दिए हैं. रामसूरत राय ने कहा है कि तबादला करने के पीछे कारण होता है. जिले के डीएम किसी अंचलाधिकारी के खिलाफ प्रपत्र भेजते हैं, इस स्‍थ‍ित‍ि में तबादला किया जाता है. इसके अलावा कोई ऐसे कर्मचारी हैं जो बीमार रहते हैं. कुछ राजनीति मामले में भी होते हैं. हमलोग राजनीतिक दल में हैं, ऐसे में विधायकों की पैरवी सुनी जाती है. 


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विधायकों की अनुशंसा पर भी हुए हैं तबादले  


मंत्री ने कहा है कि NDA के लगभग 70 से 75 विधायकों की अनुशंसा पर भी तबादले किए गए हैं. उन्‍होंने कहा कि आठ से 10 महीना पहले विधायकों ने  शिकायत की थी कि उनलोगों की बातें नहीं सुनी नहीं जाती हैं. BDO और CO हमलोगों से मिलते तक नहीं हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने इशारा भी किया था क‍ि विधायकों की बात सुनी जाए, अगर मुख्यमंत्री को लगता है कि विधायकों की अनुशंसा गलत है तो वह गलत ट्रांसफर हैं, अगर सही है तो वह सही ट्रांसफर है. समीक्षा करने की बात मुख्यमंत्री ने कही है, समीक्षा के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. कोई परेशानी की बात नहीं है. विभाग है, विभाग में परेशानी होती रहती है. सबका एक साथ मन पूरा नहीं हो सकता है. विभाग में हावी भू-माफिया का कमर तोड़ने का काम हमने किया है. इससे वे लोग परेशान हो रहे हैं. 


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