पटना: बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव (Pappu Yadav) सोमवार (18 सितंबर) को खूब बरसे. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) को भी नसीहत दी. पप्पू यादव ने कहा कि राम हो या कृष्ण, अल्लाह हो या ईश्वर, वाल्मीकि हो या संत रविदास, हर आदमी की अपनी आस्था है. लगातार जिस तरीके से राजनैतिक व्यक्ति के द्वारा कभी रामायण पर तो कभी इस्लाम पर उंगली उठाना, कभी दलित विचारधारा पर उंगली उठाना यह राजनैतिक और सामाजिक रूप से ठीक नहीं है.


आपसे ऊपर केके पाठक नहीं: पप्पू यादव


पप्पू यादव ने कहा कि यह आस्था की चीज है. मानो तो देव नहीं तो पत्थर, यह भावनाओं की चीज है. मैं आग्रह करूंगा कि राजनैतिक व्यक्ति को इस तरह के बयान से बचना चाहिए. अपना विचार रखना अलग बात है. शिक्षा मंत्री से कहा कि आप सर्वोच्च हैं. आपसे ऊपर केके पाठक नहीं हैं. केके पाठक को पीसी करने का अधिकार नहीं है. लगातार मंत्री का अपमान है सरकार का अपमान.


'नीतीश कुमार किसी की नहीं सुनते हैं'


जाप सुप्रीमो ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी धर्म की आस्था के साथ खड़ी है. समाज को, जाति को ठेस पहुंचाने की इजाजत हमारी पार्टी नहीं देती है. अमित शाह और पीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ रहते किसी का नहीं चला है. नीतीश किसी की सुनने वाले नहीं हैं. गलफहमी में मत रहिएगा. न लालू यादव हस्तक्षेप करते हैं और न नीतीश कुमार सुनते हैं. अमित शाह की रैली को उन्होंने फ्लॉप बताया. कहा कि मिथिला कोसी को अपमानित किया गया है.


निशाने पर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह


पप्पू यादव ने कहा- "सरकार को वन नेशन वन एजुकेशन की बात करनी चाहिए. अमित शाह आए और सहरसा और दरभंगा के एम्स की चर्चा नहीं की. बाढ़ से मुक्ति की बात नहीं की. कोसी सीमांचल के विशेष दर्जे की बात नहीं की. मधुबनी की तीनों चीन मिल खुलने की बात नहीं की. दरभंगा की पेपर मिल की बात नहीं की. अरे अमित जी मैं आपका पैर धोकर पिऊंगा. आप मधुबनी की तीनों चीनी मिल, मधेपुर की दूध की फैक्ट्री, दरभंगा की पेपर मिल और सीमांचल और कोसी को बाढ़ से मुक्त कर दीजिए."