पटनाबिहार में सरकार बदली और राजधानी पटना में पोस्टर वार शुरू हो गया है. एक तरफ आरजेडी सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को घेरने के प्रयास में जुटी है और अपने काम का क्रेडिट ले रही है तो वहीं एनडीए की ओर से भी पोस्टर के जरिए वार किए जा रहे हैं. रविवार (28 जनवरी) की शाम राजभवन में शपथ ग्रहण हुआ तो देर रात शहर को भी पोस्टर से पाट दिया गया. पटना के पुनाइचाक, हाईकोर्ट मोड़, इनकम टैक्स गोलंबर और डाक बंगला चौराहे पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर लालू परिवार पर हमला किया गया है.


इस पोस्टर में लालू परिवार की कुछ पुरानी तस्वीरें लगाई गई हैं जो 1974 के आंदोलन के आसपास की हैं. उस वक्त लालू परिवार एक छोटे क्वार्टर में रहता था. लालू परिवार की स्थिति काफी ठीक नहीं थी. तस्वीरों में दिख रहा है कि राबड़ी देवी अपनी बेटियों के साथ कुछ-कुछ काम कर रही हैं तो लालू प्रसाद यादव चौकी पर बैठकर अपने बच्चों को गोद में लिए हुए हैं. एक तस्वीर वर्तमान स्थिति की भी लगाई गई है जिसमें तेजस्वी यादव केक काट रहे हैं. साथ में एक आलीशान भवन की तस्वीर लगाई गई है. पोस्टर के बीच में लिखा गया है "फर्श से अर्श तक". इस तस्वीर में सबसे ऊपर लिखा गया है, "चिंता बिहार का नहीं परिवार का, डूबता बिहार उड़ता परिवार."


पोस्टर पर लगाने वाले का जिक्र नहीं


हालांकि पोस्टर किस पार्टी ने लगाया है इसका जिक्र नहीं किया गया है. इस पोस्टर के जरिए यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि लालू प्रसाद यादव ने शुरू से अपने परिवार को आगे बढ़ाने का काम किया है. यही वजह है कि लालू पर परिवारवाद को लेकर हमले किए जाते हैं. बीते 24 जनवरी को नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर कहा था कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. उन्हीं के आदर्शों पर वह चल रहे हैं. उन्होंने भी अपने परिवार को नहीं बढ़ाया है, लेकिन कुछ लोग तो परिवार को ही बढ़ाने में लगे रहते हैं.


बता दें कि नीतीश कुमार के इस बयान के बाद बिहार में सियासी भूचाल भी आया था और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट करके हमला भी किया था. हालांकि कुछ घंटे बाद रोहिणी आचार्य ने उस पोस्ट को डिलीट भी कर दिया था. 


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