पटना: जन सुराज पदयात्रा के 77वें दिन शनिवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) शिवहर के पुरनहिया पहुंचे हुए हैं. इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अभी की हालत तो यह है कि नीतीश कुमार को सीएम बने रहने पर ही संकट है, पीएम बनना तो बहुत दूर की बात है. साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि आज आरजेडी (RJD) महागठबंधन में सबसे बड़े दल के तौर पर है. नीतीश कुमार को आज ही तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav) को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए, ताकि बिहार की पूरी जनता तेजस्वी की काबिलियत को देख सके. तेजस्वी के पास भी 3 साल काम करने का अवसर रहेगा.


'जेडीयू डूबता जहाज है'


प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता भी देख सकेगी कि तीन वर्षो  में तेजस्वी यादव कितना काम कर पाते है? नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. उम्र उन पर हावी है और वे सामाजिक और राजनीतिक तौर पर हताश हो चुके हैं, इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. बिहार उनकी जागीर नहीं है. नीतीश कुमार की विश्वसनीयता प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं, जेडीयू डूबता जहाज है.


तेजस्वी यादव की कलम टूट गई है? - प्रशांत किशोर


वहीं, प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के दस लाख नौकरी देने के वादे पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव की कलम टूट गई है या स्याही सुख गई है, जिस कारण से नौकरी नहीं दे पा रहे हैं. बीते दिन बिहार के लोगों ने जरूर देखा कि बीटेट (BTET) और सीटेट (CTET) पास किए लड़को को डाक बंगला चौराहे पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इन नेताओं को अगर दस लाख नौकरी देनी होती, तो इन बीटेट- सीटेट (BTET-CTET) पास किए शिक्षकों को नौकरी एक कलम से दे दी होती. झूठे वादे करना लोगों को बर्गलाना, भ्रम में रखना इनकी पुरानी आदत है.


'मजदूर का लड़का मजदूर बन रहा है''


आगे चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि अब तक दो जिलों में घूम कर मैंने पाया कि लगभग 60 प्रतिशत से अधिक युवा, राज्य से बाहर रोजगार के अवसर के लिए दूसरे राज्य पलायन कर गए हैं.कैश डिपोजिट (सीडी) रेसियो का जिक्र करते हुए कहा,  "देश के अग्रणी राज्यों में सीडी रेसियो का अनुपात 90% तक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 40% है. बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां होम लोन के लिए घुस देना पड़ रहा है. दूसरे राज्यों में होम लोन के लिए बैंक प्रचार प्रसार करती है, वहीं बिहार में लोग लोन मिले, इसके लिए घुस देते हैं. नीतीश के शासनकाल में बिहार का लगभग 25 लाख करोड़ दूसरे राज्यों में चला गया, जिसके कारण आज बिहार में मजदूर का लड़का मजदूर बन रहा है.


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