बेतिया: जन सुराज पदयात्रा के 43वें दिन रविवार को बेतिया के एम जे के कॉलेज में जिला अधिवेशन का आयोजन हुआ. इस दौरान अधिवेशन में जन सुराज पार्टी बनने पर आम सभा के दौरान मतदान हुआ. सभी के सामने मतों की गिनती भी हुई जिसमें चौंकाने वाले नतीजे आए. 2887 लोगों में केवल 89 लोग पार्टी नहीं बनाने के खिलाफ रहे. बाकी 2, 808 लोगों ने हां की मुहर लगाई. नतीजे आने के बाद प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार की महागठबंधन सरकार और बीजेपी पर जमकर वार किया. प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारे 40 दिनों के यात्रा में यह चर्चा है कि महागठबंधन और बीजेपी में से किसका वोट कटेगा. असल में अगर जनता जाग गई तो दोनों को काटकर अलग कर देगी.


जनता एक बार जाग गई तो महागठबंधन-बीजेपी का पत्ता साफ


प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा सपना बिहार का मुख्यमंत्री बनना नहीं है. मेरा सपना है कि अपने जीवन में ऐसा बिहार देख सकूं जहां मुंबई, गुजरात से लोग काम करने बिहार आएं. लोग कह रहे हैं कि आपने बहुत कठिन काम ले लिया है यह कैसे संभव होगा. बिहार में इतनी जाति, बाहुबल, पैसा है, पहले से समीकरण है. प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं केवल यहां लड़ने नहीं आया मैं तो लड़कर जीतने आया हूं. उन्होंने कहा की अभी मुझे केवल 40 दिन हुए हैं और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि किसका वोट कटेगा. महागठबंधन का वोट कटेगा या बीजेपी का वोट कटेगा. तो मैं आपको बता दूं कि जनता अगर एक बार जाग गई तो दोनों को काटकर अलग कर देगी.


बिहार की राजनीति को मोतियाबिंद नहीं, मोदीयाबिंद हो गया


जन सुराज पदयात्रा अधिवेशन में जनता के समक्ष राजनीतिक प्रहार करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में मोदीयाबिंद का बहुत गहरा असर है. साथ ही जनता से अपील करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों को मोदीयाबिंद वाली राजनीति से निकलने के लिए कहा. कहा कि ध्यान दें जंगल राज फिर से नहीं आने देना है और जो अफसरशाही का नया जंगल राज नीतीश कुमार ने बनाया है  इसका भी समापन करना है. तीनों को खत्म करना है. ये जनता की सरकार बननी है प्रशांत किशोर की नहीं.


रोजगार का बड़ा केक बनेगा तो सब का हिस्सा बड़ा होगा


बिहार के युवाओं को रोजगार देने की प्राथमिकता पर प्रशांत किशोर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम बिहार में इतनी नौकरियां पैदा कर देंगे कि आरक्षित और अनारक्षित वर्गों से आने वाले सभी युवाओं को मौका मिले. आगे कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि नौकरी उपलब्ध नहीं और जो सीमित नौकरियां हैं उसके लिए आपसी संघर्ष बहुत है. इसी बात का फायदा लेते हुए नेता आपको ठगते हुए हर बार कह देते हैं कि हमें वोट दे दीजिए. हम आपको नौकरी दिलवा देंगे. फिर आप उनके बंधुआ मजदूर बन जाते हैं. इसलिए जब रोजगार का बड़ा केक बनेगा तो उसमें सभी वर्गों का हिस्से भी बड़ा होगा.


2, 808 लोगों ने जन सुराज अभियान को पार्टी बनाने की बात कही


अधिवेशन में पश्चिम चंपारण के 18 प्रखंडों के हजारों लोग शामिल हुए. अधिवेशन में जन सुराज के पार्टी बनने पर आम सभा के दौरान मतदान हुआ और सभी के सामने मतों की गिनती भी हुई. मतदान का नतीजा लगभग एकतरफा रहा. मतदान में कुल 2887 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें से 2808 लोगों ने जन सुराज अभियान को एक राजनीतिक दल बनने के पक्ष में वोट दिया. सिर्फ 89 लोगों ने राजनीतिक दल बनने के खिलाफ वोट किया.


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