समस्तीपुर: बिहार की राजनीति को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बार फिर हमला बोला है. गुरुवार (6 जुलाई) को पीके ने मोहनपुर में जनता को संबोधित करते हुए बीजेपी (BJP) पर जमकर निशाना साधा. राजनीति के 'मूलमंत्रों' को समझाते हुए बताया कि बिहार में नेता बनने के लिए किन चीजों की जरूरत है.


पीके ने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी. वहीं उनके पिता शकुनी चौधरी कांग्रेस की सत्ता में मंत्री रहे, फिर लालू की सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद नीतीश की सरकार में मंत्री और मांझी की सरकार में भी मंत्री थे. वे किस जाति से आते हैं, वे कुशवाहा हैं. ये कहना ठीक नहीं होगा. बिहार में नेता बनने के लिए बड़े बाप का लड़का होना जरूरी है, क्योंकि तभी जाति का ठप्पा लगेगा.


पीके बोले- 100 में से 80 युवा छोड़ देते हैं राजनीति


बिहार के नेताओं पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीति में सिर्फ वही आ सकते हैं, जिनके माता-पिता, परिजनों के पास पैसा हो. बीते 30 सालों में बिहार में 1250 परिवार के लोग ही विधायक, सांसद बने. युवा वर्ग नेता बनने की चाह में राजनीतिक संगठनों से जुड़ जाते हैं और वही नेता उन्हें जेल भरो, रोड पर बैठो, भीड़ का हिस्सा बनने जैसे कामों में लगाते हैं. कुछ सालों के बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ जाती है. 100 में से 80 युवा 30-32 की उम्र तक राजनीति छोड़ देते हैं. जो बच जाते हैं, उन्हें ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक पार्टियां नोटपैड पकड़ा देती हैं और वे छुटभैया दलाल बन जाते हैं.


पीके ने कहा कि छोटे-मोटे काम कराने के लिए सरकारी मुलाजिमों को पैसे देते हैं और खुद भी दलाली कमाते हैं. गांव-समाज में उनकी छवि चालू पुर्जे वाली बन जाती है. किसी के पीछे दौड़ने से कोई नेता नहीं बनता. अगर आपको नेता बनना है, तो समाज से जुड़ें. 100-500 लोग आपके पीछे घूमने चाहिए तो आप नेता बन जाएंगे.


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