पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा जेल से एनडीए विधायकों की खरीद फरोख्त कर सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद एक बार फिर सूबे के सियासी पारा चढ़ गया है. सत्ता पक्ष के नेता लगातार आरजेडी को इस मुद्दे को लेकर घेर रहे हैं. इन्हीं विवादों के बीच इस मामले में लालू परिवार की तरफ से पहला बयान सामने आया है. पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने कहा कि सुशील मोदी के पास अब कोई काम नहीं है, इसलिए वो ऐसी हरकतें कर रहे हैं.


मालूम हो कि मंगलवार की रात बिहार विधान परिषद अध्यक्ष सुशील मोदी ने ट्वीट कर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि लालू यादव रांची से एनडीए के विधायकों टेलीफोन कॉल कर रहे हैं और मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर बहलाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में जब मैंने फोन किया तो लालू यादव ने सीधे उठाया, जिसपर मैंने कहा कि जेल से ये गंदी हरकतें मत करें, आप सफल नहीं होंगे. हालांकि अब उनके इस ट्वीट को ट्विटर ने डिलीट कर दिया है.


उनके इस आरोप के बाद बुधवार को एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें कथित तौर पर लालू यादव एनडीए विधायक ललन पासवान से बात करते सुनाई पड़ रहे थे, और विधानसभा स्पीकर के लिए होने वाले चुनाव में पार्टी से बगावत कर उनका साथ देने को कह रहे थे. इसके बदले में लालू उन्हें मंत्री बनाने का लालच भी दे रहे थे. इस वायरल ऑडियो की पीरपैंती विधायक ललन पासवान ने पुष्टि भी की है. हालांकि, यह वायरल ऑडियो सत्य है या नहीं इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन इस ऑडियो के सामने आने के बाद सूबे की राजनीतिक गलियारों में बवाल जरूर मच गया है.


फिलहाल, झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने चारा घोटाले में सजा काट रहे और रिम्स में भर्ती आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से मंगलवार को बिहार के पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान को कथित तौर पर फोन किए जाने के मामले में जांच के दे आदेश दिए हैं.


इस संबंध में भूषण ने एजेंसी को बुधवार को बताया कि इस मामले में उन्होंने रांची स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक और रांची के उपायुक्त सह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी.


भूषण ने कहा कि हिरासत में फोन या मोबाइल का उपयोग अवैध है. ऐसे में अगर यह मामला सच साबित होता है तो पहले यह पता लगाया जाएगा कि मोबाइल फोन लालू प्रसाद के पास पहुंचा कैसे और इसके लिए कौन दोषी है? उन्होंने कहा कि न्यायिक हिरासत से किसी भी तरह की राजनीतिक बातचीत जेल नियमावली का उल्लंघन है. ऐसे में इस ऑडियो के सही साबित होने पर जेल नियमावली के अनेक प्रावधानों के तहत कार्रवाई संभव है.


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