RJD Hits Back on Prashant Kishor: नेता तेजस्वी यादव को खुला चैलेंज देने वाले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को आरजेडी ने जवाब दे दिया है. मंगलवार (03 सितंबर) को प्रशांत किशोर पर पलटवार करते हुए आरजेडी ने तेजस्वी यादव की खासियत बता दी. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पीके पर हमला करते हुए एबीपी न्यूज़ से कहा कि कुछ लोग राजनीति में शोर मचाकर सुर्खियों में रहना चाहते हैं. तेजस्वी को बिहार की जनता का आशीर्वाद प्राप्त है. 


मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लाखों युवाओं को तेजस्वी यादव ने रोजगार दिया. महागठबंधन सरकार में 17 महीने तक जनता की भलाई के लिए काम करके दिखाया. उन्होंने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा कि जनता के बीच जाएंगे तो पता चल जाएगा कि क्या खासियत है. इस तरह के कितने लोग आते हैं, बरसाती मेंढक की तरह टर्र-टर्र करके चले जाते हैं. साफ कहा कि तेजस्वी यादव को किसी से कोई नुकसान नहीं होने वाला है.


प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को बताया है 'अज्ञानी'


दरअसल बीते सोमवार को प्रशांत किशोर एक दिवसीय दौरे पर भोजपुर गए थे. यहां उन्होंने कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री का बच्चा 10वीं कक्षा पास नहीं करता है तो यह शिक्षा के बारे में उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है. जो व्यक्ति 9वीं कक्षा में फेल हो गया है, उसे यह दावा नहीं करना चाहिए कि वह बिहार के विकास पथ को जानता है या जीडीपी और इसकी वृद्धि को समझता है. समाजवाद के बारे में तेजस्वी यादव क्या बोलेंगे? तेजस्वी यादव को में चुनौती देता हूं कि वह बिना कागज के समाजवाद पर पांच लाइन बोल दें मैं उनको मान जाऊंगा. बिहार ज्ञान की भूमि रही है. यहां बहुत सारे ज्ञानी हुए हैं, लेकिन हमने अनपढ़ों और लंपटों को अपना नेता बना लिया इसलिए हमारी दुर्गति हुई है.


मोहन भागवत पर क्या बोले मृत्युंजय तिवारी?


उधर आरजेडी प्रवक्ता ने मोहन भागवत पर भी तंज कसा. एबीपी न्यूज़ से कहा, "मोहन भागवत ज्ञान दे रहे हैं कि समाज के अन्य लोगों को भी जोड़ना चाहिए. जिन लोगों ने नफरत फैलाने का काम किया, भाई को भाई से लड़ाने का काम किया वह लोग ज्ञान दे रहे हैं. समाज को बांटने वाले समाज को जोड़ने की बात किस मुंह से कह रहे हैं? उनको एहसास हो रहा है कि जनता अब उनके चाल चरित्र चेहरा को समझ चुकी है. समन्वय तो आप लोगों ने तोड़ दिया. नफरत फैलाने का काम किया." बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस समन्वय की बैठक के समापन में यह बयान दिया कि हिंदू समाज के इतर भी अन्य समाज के अच्छे लोगों से संपर्क रखना है और उनके साथ समन्वय स्थापित करना है. जो विकसित भारत नहीं देखना चाहते हैं उनसे सतर्क रहना होगा.


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