पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इन दिनों केंद्र की राजनीति को लेकर सुर्खियों में हैं. कांग्रेस (Congress) की भारत जोड़ो यात्रा (India Jodo Yatra) के समापन समारोह में सीएम नीतीश कुमार शामिल नहीं हो रहे हैं. वहीं, तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव (CM Chandrasekhar Rao) के कार्यक्रम में नीतीश कुमार अपना प्रतिनिधि भेज रहे हैं. इस पर आरजेडी (RJD) के वरिष्ठ नेता वृषण पटेल (Vrishan Patel) ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी शामिल नहीं हो रही है जबकि तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव के कार्यक्रम में प्रतिनिधि भेज रहे हैं इसका मतलब ये नहीं है कि वो कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं और केसीआर से नजदीकी बढ़ा रहे हैं. कांग्रेस देश में मुख्य विपक्षी दल है उसके साथ सभी विपक्ष के दल एकजुट होंगे. नीतीश कुमार बीजेपी (BJP) के साथ कभी नहीं जाएंगे.


समाधान यात्रा में नीतीश कुमार हैं व्यस्त- वृषण पटेल


वृषण पटेल ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में सीएम नीतीश इसलिए शामिल नहीं हो रहे हैं क्योंकि वो समाधान यात्रा में व्यस्त हैं. नागालैंड में पार्टी के चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व्यस्त रहेंगे. इस वजह से भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में जेडीयू से कोई नहीं जा रहा है. यह बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्टी लिखकर ललन सिंह बता चुके हैं. ललन सिंह ने पत्र में लिखा है कि जेडीयू चाहती है कि सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं.


'नीतीश कुमार के लिए बीजेपी में कोई जगह नहीं'


बिहार बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के पीएम उम्मीदवार बनना चाहते हैं. नीतीश कुमार और केसीआर की भी यही इच्छा है. नीतीश जान बूझ कर कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में इसलिए नहीं जा रहे हैं. जेडीयू और आरजेडी बिहार में कांग्रेस को कमजोर करके रखना चाहती है क्योंकि कांग्रेस खड़ी हो गई तो इन लोगों की दुकान बंद हो जाएगी. कांग्रेस को अपने दुश्मनों को पहचानना चाहिए. कांग्रेस से नीतीश दूरी बना रहे इसका मतलब ये नहीं कि वो बीजेपी के साथ आएंगे. पलटी मार लोगों के लिए बीजेपी में कोई जगह नहीं है. नीतीश कुमार को बीजेपी अब कभी अपने साथ नहीं लेगी.
 
नीतीश पीएम उम्मीदवार नहीं बनना चाहते- कांग्रेस


बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार समाधान यात्रा में व्यस्त हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नागालैंड में चुनाव-प्रचार में व्यस्त रहेंगे इसलिए ये लोग भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में नहीं जा रहे हैं. नीतीश कुमार बोल चुके हैं कि राहुल गांधी पीएम बनेंगे तो मुझे अच्छा लगेगा. नीतीश कुमार कह चुके हैं कि वो पीएम उम्मीदवार नहीं बनना चाहते हैं. चंद्रशेखर राव के कार्यक्रम में नीतीश कुमार अपना प्रतिनिधि भेज रहे हैं. कांग्रेस के कार्यक्रम में नहीं भेज रहे तो यह कोई बड़ी बात नहीं है. इसको सियासी नजरिये से नहीं देखना चाहिए. बिहार में महागठबंधन एकजुट है. 


समापन समारोह में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं- नीतीश


सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि यह कांग्रेस पार्टी का अपना कार्यक्रम है उसमें हम लोग जाकर क्या करेंगे? 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है जब चुनाव की बात होगी सभी पार्टियां साथ मिलकर बैठकर बात करेंगी तो हम लोग भी जाएंगे. 


तेजस्वी भी जाएंगे तेलंगाना


बता दें कि 16 फरवरी को तेलंगाना के नए सचिवालय के उद्घाटन के मौके पर केसीआर ने कई क्षेत्रीय दलों को आमंत्रित किया है. इसके लिए उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बुलावा भेजा है जो थोड़ा हैरान करता है क्योंकि कुछ दिन पहले ही केसीआर ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया था जिसमें नीतीश कुमार को बुलावा नहीं भेजा गया था. नीतीश कुमार समाधान यात्रा में व्यस्त हैं. उन्होंने केसीआर के आग्रह पर ललन सिंह को भेजने की बात कही है और उसमें शामिल होने के लिए ललन सिंह के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी जाएंगे. केसीआर उन दलों को एकजुट कर रहे हैं जो कांग्रेस और बीजेपी के साथ नहीं हैं लेकिन बिहार में महागठबंधन सरकार में कांग्रेस शामिल है तब भी जेडीयू और आरजेडी को केसीआर ने निमंत्रण भेजा है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का समापन समारोह 30 जनवरी को जम्मू कश्मीर में है. इसमें जेडीयू को आमंत्रित किया है लेकिन जेडीयू इससे दूरी बना ली है. 


जेडीयू केसीआर से दोस्ती बढ़ाने में लग गई है


राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को काफी सफलता मिली है. राहुल इस यात्रा के जरिए खुद को पीएम उम्मीदवार के तौर पर भी प्रोजेक्ट कर रहे हैं. नीतीश की भी नजर पीएम की कुर्सी पर है इसलिए वो कहीं न कहीं राहुल गांधी से दूरी बना रहे हैं. केसीआर गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस गठजोड़ बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. केसीआर भी पीएम उम्मीदवार बनना चाहते हैं. सियासत संभावनाओं का खेल है. केसीआर जो मोर्चा बना रहे हैं हो सकता है उसमें नीतीश को बड़ा अवसर मिल जाए जिससे वह राष्ट्रीय राजनीति में अपनी ताकतवर मैजूदगी दर्ज करवा लें. शायद इस उम्मीद में जेडीयू केसीआर से दोस्ती बढ़ाने में लग गई है. नीतीश कुमार के वैसे कांग्रेस से अच्छे संबंध हैं. केसीआर के नेतृत्व में तीसरा मोर्चा बनता है तो जरूरत पड़ने पर नीतीश कांग्रेस को तीसरे मोर्चा के नजदीक ला सकते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्र में नीतीश कुमार की बहुत प्रभावशाली दखलअंदाजी हो सकती है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है. 


नीतीश हो रहे हैं असहज


नीतीश अपने चौंकाने वाले निर्णयों के लिए भी जाने जाते हैं. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह लगातार नीतीश पर हमलावर हैं. आरजेडी कोटे के कई मंत्री सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे हैं जिससे सरकार की फजीहत हो रही है और नीतीश असहज हो रहे हैं. सियासी गलियारों में चर्चा तो इस बात की भी है कि महागठबंधन सरकार बनते समय यह डील हुई थी कि चार महीने के अंदर तेजस्वी को सीएम बनाकर नीतीश केंद्र की सियासत करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए जानबूझकर आरजेडी कोटे के कई मंत्री ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं जिससे सरकार की फजीहत हो रही है और नीतीश असहज हो रहे हैं.


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