Bihar Politics: RJD नेता ने तारकिशोर प्रसाद को बताया सुशील मोदी का 'खड़ाऊ', कहा- डिप्टी CM को नहीं आता कुछ
आरजेडी नेता ने कहा कि टेंडर के कागज में कंपनी का जो एड्रेस अंकित है, वहां जाने पर कंपनी का कोई बोर्ड भी नजर नहीं आता है. उस समय के कार्यपालक अभियंता का इस कंपनी को लेकर स्वीकृति बयान सामने आया है.
पटना: सरकारी योजना के तहत अपने परिजनों को ठेका देने के आरोप में घिरे उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही. गुरुवार को बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपमुख्यमंत्री समेत मौजूदा सरकार पर निशाना साधा. वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद आरजेडी नेता राम प्रवेश यादव ने उपमुख्यमंत्री के संबंध में अटपटा बयान दिया. उन्होंने कहा कि तारकिशोर प्रसाद सुशील मोदी (Sushil Modi) का खड़ाऊ हैं. उन्हें कुछ भी नहीं आता है."
गोपाल मंडल ने लगाए थे आरोप
आरजेडी नेता ने कहा, " आज पूरे बिहार में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के नाम पर थू-थू हो रहा है. यहां तो लूटने की आजादी है. ये हमने नहीं गोपाल मंडल ने कहा कि 25 लाख अटैची में ले जाकर दिए गए हैं, भागलपुर में जहां तारकिशोर प्रसाद का ससुराल है." उन्होंने कहा, " हमने 13 अगस्त, 2020 को जिस टेंडर का खुलासा किया है, जिसमें उपमुख्यमंत्री की पुत्र वधू पूजा कुमारी का नाम अंकित है, उसकी स्टैंडर्ड बिट संख्या 479/19-20 है और वो कटिहार प्रखंड भवारा पंचायत में पड़ता है.
मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
आरजेडी नेता ने कहा कि टेंडर के कागज में कंपनी का जो एड्रेस अंकित है, वहां जाने पर कंपनी का कोई साइन बोर्ड भी नजर नहीं आता है. आज उस समय के कार्यपालक अभियंता का इस कंपनी को लेकर स्वीकृति बयान सामने आया है. मालूम हो कि आरजेडी नेता ने बीते दिनों नल-जल योजना के तहत तारकिशोर प्रसाद के परिवार को दिए गए टेंडर में कथित घोटाले का खुलासा किया था. आरजेडी नेता ने इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पत्र भी लिखा था. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
हालांकि, एक अंग्रेजी अखबार में नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी हर घर नल का जल योजना में घोटाले की खबर छपने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. घोटाले में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का नाम भी सामने आ रहा है. ये आरोप लगाया जा रहा है कि बीजेपी नेता के गृह जिला कटिहार में नल जल योजना के तहत उनके परिजनों को जो 53 करोड़ का टेंडर दिया गया, उसमें बड़ा घोटाला हुआ है. वहीं, इस बात की जानकारी तारकिशोर प्रसाद को भी थी, लेकिन मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस बात के सामने आने के बाद सियासी बवाल मच गया है.
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