पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमेशा तंज कसने वाले आरएलजेडी (RLJD) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को अब उन पर दया आ गई है. मंगलवार (11 जुलाई) को उपेंद्र कुशवाहा से हाजीपुर में जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के काफी करीब आ गए हैं और उनकी गाड़ी में हमेशा घूमते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि इसमें नई बात कहां है? वह तो पहले फरमान सुना चुके हैं कि उनके बाद तेजस्वी यादव बिहार का नेतृत्व करेंगे.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के करीब क्या हो गए हैं वह तो आरजेडी के सामने नतमस्तक हो गए हैं. उन्होंने अपने आपको आरजेडी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. अब नीतीश कुमार को देखकर हमें गुस्सा नहीं आता है बल्कि दया आती है. नीतीश कुमार तो दया के पात्र हैं. उनकी ओर अब कौन देखने वाला है, उनकी पार्टी तो अब खत्म हो गई है. अगर उनकी पार्टी मजबूत रहती तो बिहार में ताकत दिखती और लोग उनकी पार्टी में समर्पण करते, लेकिन अब तो खत्म हो चुकी है.


सदन में हंगामे पर क्या कहा?


बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा मंगलवार को हाजीपुर सदर अस्पताल में भर्ती अपनी पार्टी के जिलाध्यक्ष लालदेव राम की बेटी से मिलने गए थे. दो दिन पहले हादसा हो गया था. उसी को देखने के लिए पहुंचे थे. अस्पताल से लौटने के क्रम में उन्होंने बयान देते हुए मॉनसून सत्र के विधानसभा में हंगामे पर कहा कि स्वाभाविक है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है तो हर पार्टी अब अपने को  उसी रूप में प्रोजेक्ट करना चाह रही है. एक-दूसरे पर आरोप लगा रही है. विधानसभा में यह सब हंगामा चलता रहता है.


शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों के विरोध पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम तो बार-बार कह रहे हैं कि सरकार को इनकी समस्या को गंभीरता से लेनी चाहिए. लाठी मारने और आंदोलन करने से रोकने के बजाय उनको बुलाकर उनसे बात करनी चाहिए. बात करके कुछ समाधान निकालना चाहिए. सरकार का दायित्व समाधान निकालना है. यह बात ठीक नहीं है कि किसी को आंदोलन करने से रोका जा सकता है. सभी का अधिकार है. जिस तरह से शिक्षकों को गर्दनीबाग में रोका गया वह पूरी तरह गलत है.


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