पटनाः जनसंख्या नियंत्रण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए गए बयान पर कई दल के नेताओं ने असहमति जताई है तो कई इसे सही भी मान रहे हैं. बुधवार को हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार का साथ दिया और उनके बयान पर सहमति भी जताई.


जीतन राम मांझी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नीतीश कुमार के बयान व उपायों का वह स्वागत करते हैं. बिहार में शिक्षा का असर है कि देश के प्रजनन दर के औसत बिहार का प्रजनन दर कम है. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए अन्य राज्यों को भी नीतीश कुमार के मॉडल को अपनाने की आवश्यकता है.






कानून नहीं, शिक्षा और विकास की धारा जरूरी


हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण राजनीति करने के लिए है या फिर महंगाई से ध्यान भटकाने के लिए है इससे हमें कोई लेनादेना नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट तरीके से कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी कानून की आवश्यकता नहीं है. एक दृढ़ इच्छा शक्ति होनी चाहिए. महिलाओं को शिक्षा देकर, जो गरीब तबके के हैं उन्हें शिक्षा देकर और विकास की धारा से जोड़कर हम जनसंख्या पर नियंत्रण पा सकते हैं.


दानिश ने भी मांझी की बातों को दोहराते हुए कहा कि देश के प्रजनन दर के औसत बिहार का प्रजनन दर कम है. बच्चियों को हमने साइकिल देकर स्कूल में बुलाया. फ्री एजुकेशन सिस्टम लागू किया जिससे लड़कियों ने पढ़ाई की है. उनको समझ आ रहा है कि जनसंख्या भारी पड़ रहा है देश के लिए. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मॉडल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए. इसके लिए सिर्फ कानून की आवश्यकता नहीं है.


जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश कुमार ने कही थी यह बात


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए अगर सिर्फ कानून बनाकर उसका उपाय करेंगे तो यह संभव नहीं है. चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी एक से दो बच्चों को लेकर निर्णय लिया गया, अब देखिए वहां क्या हो रहा है. कहा कि सबसे बड़ी चीज है कि महिलाएं जब पूरी तौर पर शिक्षित और जागरूक होंगी तो अपने आप प्रजनन दर घट जाएगा.


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