पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने के लिए फिर एक बार शपथ दिलाई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षा में आयोजित कार्यक्रम में मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस जवानों ने शराब नहीं पीने और ना ही पीने देने की शपथ ली. अब इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री विपक्ष के टारगेट पर आ गए हैं. इसी क्रम में आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने मुख्यमंत्री पर हमला बोला है. उन्होंने महाभारत की चर्चा करते हुए एक ओर जहां मुख्यमंत्री को ज्ञान दिया है. वहीं, दूसरी ओर उनके पुराने शपथ को याद दिलाते हुए उन पर तंज कसा है. 


सीएम नीतीश से किया सवाल


उन्होंने कहा कि महाभारत कहता है कि सत्ता के मद जैसा अन्य कोई मद नहीं होता है. चाहे वह शराब का मद हो या अफीम का. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और पदाधिकारियों सहित सरकार के कर्मचारियों को शपथ दिलाई कि न तो शराब पिएंगे, न पीने देंगे. लेकिन क्या इस शपथ समारोह में नीतीश कुमार के वो मंत्री शामिल थे, जिनके परिवार द्वारा संचालित विद्यालय के हाते से एक ट्रक शराब पकड़ा गया था. वहीं, उनके परिवार के एक सदस्य के नामजद होने के बावजूद उनका बाल भी बांका नहीं हुआ.


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मुख्यमंत्री को बताया तानाशाह


वहीं, दुल्हन के कमरे में छापेमारी करने को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए बयान की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह भाषा क्या किसी लोकतांत्रिक सरकार के मुख्यमंत्री की भाषा है या सत्ता के मद में चूर एक तानाशाह की भाषा है. नीतीश कुमार बयान के जरिए पुलिस को संदेश दे रहे हैं कि बगैर महिला पुलिस के भी दुल्हन के कमरे में घुस सकते हो. यह तो बिहार को पुलिस राज में तब्दील करने की घोषणा है.


शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी है कहां? शराबबंदी सचमुच यहां कारगर होती तो बिहार की सीमा में शराब का प्रवेश ही नहीं होता. शराब मिलेगी तो लोग पिएंगे. हमारी परंपरा में विवाह को धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है. उसको यज्ञ का ही छोटा रूप माना जाता है. और यज्ञ में विघ्न डालने वाले को इस परंपरा में असुर की संज्ञा दी गई है.


बिहार में शराब की खपत महाराष्ट्र से ज़्यादा


शराबबंदी को नाक का सवाल बना कर नीतीश कुमार लोगों को अपमानित करवा रहे हैं. दूसरी ओर बिहार में धड़ल्ले से शराब की आपूर्ति हो रही है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शराब की खपत महाराष्ट्र से ज़्यादा है. जबकि वहां शराबबंदी नहीं है. यह मान्यता प्राप्त सर्वेक्षण है. इसको आप झूठ नहीं ठहरा सकते हैं. 


वहीं, उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से एक सवाल का जवाब लोग जानना चाहेंगे. जब वो शपथ दिला रहे थे, उस समय बिहार की विधानसभा में लिया गया मिट्टी में मिल जाऊंगा वाला अपना शपथ उनको याद आ रहा था या नहीं.



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