Bihar Smart Prepaid Meter: 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025) में वक्त जरूर है लेकिन माहौल शुरू हो गया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. बिहार में आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) ने इस बार चुनाव से पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर का मुद्दा पकड़ लिया है. आरजेडी बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय में एक अक्टूबर को प्रदर्शन करने जा रही है तो वहीं कांग्रेस भी स्मार्ट मीटर के विरोध में उतर गई है. उधर सरकार ने भी ऐलान कर दिया है कि हर हाल में 2025 तक स्मार्ट मीटर सब जगह लगा दिया जाएगा. अब सवाल उठ रहा है कि 2025 के चुनाव में स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर किसकी बत्ती जलेगी और किसकी गुल होगी? पढ़िए रिपोर्ट.


आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के नाम पर आम जनता का पैसा लूटा जा रहा है. एक अक्टूबर से आंदोलन शुरू होगा. राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा. इसके बाद भी सरकार बात नहीं मानी तो सभी घरों से स्मार्ट मीटर उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा. चुनावी साल में इस मुद्दे से कांग्रेस भी नहीं चूकना चाहती है, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि 2 से 7 अक्टूबर तक पार्टी सभी जिलों में जन जागरण अभियान चलाएगी कि प्रीपेड मीटर बिहार में नहीं लगना चाहिए.


2025 में स्मार्ट मीटर से टेंशन देने की तैयारी में महागठबंधन


उधर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी भविष्यवाणी कर दी है कि स्मार्ट मीटर 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार को ले डूबेगा. ऐसे में इस बात की सियासी गलियारे में चर्चा होने लगी है कि क्या स्मार्ट मीटर के सहारे क्या महागठबंधन 2025 के विधानसभा चुनाव में टेंशन देने की तैयारी कर रही है? इस पर राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी है.


संतोष कुमार ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की समस्या जनहित से जुड़ा मुद्दा है. इससे आम जनता भी परेशान है. देखा जाए तो पिछले 10 साल में तेजस्वी यादव ने एक बार भी इस तरह के जनहित मुद्दे को नहीं उठाया था, लेकिन इस बार चुनाव से पहले जनता से जुड़ा मुद्दा उठाया गया है. यह आरजेडी  के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन बड़ी बात यह है कि अभी एक साल चुनाव में देरी है और यह चुनाव तक चलता रहा तो इसका असर जरूर होगा. कांग्रेस भी साथ में उतर गई है तो महागठबंधन को सीधा-सीधा फायदा मिल सकता है.


'एक साल तक मुद्दा चल पाना संभव नहीं'


संतोष कुमार कहते हैं कि एक साल तक मुद्दा चलना संभव नहीं है क्योंकि इससे पहले भी कई मुद्दों को लेकर तेजस्वी यादव आगे आए हैं, लेकिन बीच में उसे खत्म कर दिया गया है. तेजस्वी यादव आराम वाले नेता हैं. इतने दिनों से वह राजनीति में हैं लेकिन अभी तक 50 बार भी सड़क पर नहीं आए होंगे. अधिकतम अब तक 10 बार धरना पर बैठे होंगे वह भी कुछ मिनट के लिए. ऐसे में एक साल तक इस मुद्दे को चालू रखना संभव नहीं दिख रहा है.


स्मार्ट मीटर को बड़ा मुद्दा नहीं मान रही बीजेपी


सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी स्मार्ट मीटर के मुद्दे को बड़ा नहीं मान रही है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा का कहना है कि स्मार्ट मीटर कोई मुद्दा ही नहीं है. जनता ने 2005 से पहले के बिहार को देखा है जब बिजली के तार पर कपड़े सुखाए जाते थे. आरजेडी फिर बिहार को लालटेन युग में लाना चाहती है. स्मार्ट मीटर से बिजली चोर को परेशानी हो रही है. आम जनता को परेशानी नहीं हो रही है. बिहार की जनता आरजेडी के झांसे में नहीं आने वाली है. 2025 के चुनाव में आरजेडी को धूल चटा देगी.


स्मार्ट मीटर पर क्या है नीतीश सरकार का स्टैंड?


बता दें कि ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ने साफ तौर पर कह दिया है कि 2025 तक सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाएगा. मुफ्त में किसी को बिजली नहीं दी जाएगी. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है. उधर तेजस्वी यादव ने यह भी ऐलान कर दिया है कि उनकी सरकार आती है तो 200 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी.


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