पटना: बिहार विधानसभा में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) और सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बीच सोमवार को हुई बहस पर विवाद जारी है. पूरे मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है. वहीं, सत्ता पक्ष के नेता भी सवाल उठा रहे हैं. हालांकि, इसी विवाद के बीच मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री ने स्पीकर के साथ बैठक की. सूत्रों के अनुसार बिहार विधानसभा में शुरू हुए गतिरोध को विधानसभा में ही खत्म करने की कोशिश हुई. बैठक में बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) व रेणु देवी (Renu Devi) मौजूद रहीं.


सब कुछ सामान्य होने की है संभावना


मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey), संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी (Vijay Chaudhary) भी बैठक में मौजूद थे. बैठक विधानसभा परिसर के एनेक्सी में हुई. मीडिया को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई. करीब 30 मिनट तक बैठक हुई है. संभावना जताई जा रही है कि बुधवार से सदन की कार्यवाही सामान व्यवस्था के तहत संचालित होगी तथा विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा सदन में मौजूद रहेंगे. 


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दरअसल, बजट सत्र के 11वें दिन बीजेपी (BJP) विधायक संजय सरावगी (Sanjay Sarawagi) ने लखीसराय में बढ़ते अपराध के मामले को उठाया था. बीजेपी विधायकों द्वारा सदन में आए दिन यह मुद्दा उठाया जा रहा था. ऐसे में सोमवार को ऐसा होते देख नीतीश कुमार भड़क गए और सदन में उनका रौद्र रूप देखने को मिला. सीएम नीतीश ने स्पीकर से कहा कि आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. इस तरह से विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलती है. एक ही विषय को हर दिन उठाया जा रहा है. यह बिल्कुल गलत है. हम यह सब बर्दाश्त नहीं करेंगे. 


संविधान से चलता है सिस्टम 


नीतीश कुमार ने कहा कि लखीसराय के मामले में विशेषाधिकार समिति की जो रिपोर्ट आएगी उस पर हम जरूर विचार करेंगे. अगर किसी को भी लग रहा है कि भ्रम की स्थिति है, तो हम बातचीत करेंगे. संविधान से सिस्टम चलता है. कोई भी अपराध/क्राइम का रिपोर्ट सदन में नहीं बल्कि कोर्ट में जाता है. क्या यह सब बताने की जरूरत है? यह भी क्या यहां के लोगों को नहीं पता है? उन्होंने स्पीकर से कहा कि एक ही मामले को लेकर सदन में इस तरह ड्रामा नहीं होना चाहिए. जो चीज जिसका अधिकार है, उसको करने दीजिए.


स्पीकर ने दिया करारा जवाब


इधर, सीएम की बात सुन विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा चुप नहीं बैठे और उन्होंने कहा, " लखीसराय मामले में पुलिस खानापूर्ति कर रही है. ठीक से जांच नहीं कर रही है. वह मेरा क्षेत्र है. वहां मैं जाता हूं तो लोग पूछते हैं कि आप इतने बड़े पद पर बैठे तब भी घटना में उचित कार्रवाई नहीं हो रही है. जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाता है. जहां तक संविधान की बात है, मुख्यमंत्री जी आप संविधान को मुझसे ज्यादा अच्छे से समझते हैं. मैं आपसे सीख रहा हूं. आप लोगों ने मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है लेकिन आसन को हतोत्साहित करने की बात न हो. लखीसराय मामले में जनता मुझसे पूछती है कि थाना प्रभारी और DSP क्यों नहीं सुन रहे आपकी. सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं. मैं भी जनप्रतिनिधि हूं. इस मामले में स्थानीय लोगों को मैं जवाब नहीं दे पा रहा हूं."


सदन में सोमवार को हुई इस घटना के बाद स्पीकर नाराज हो गए और मंगलवार को वे सदन में भी नहीं आए. इस बात को लेकर बीजेपी विधायकों में भी नाराजगी थी. वहीं, आरजेडी ने भी इस मामले में नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरजेडी का स्पष्ट कहना है कि स्पीकर का पद संवैधानिक पद है. वह किसी पार्टी के नहीं हैं. नीतीश कुमार ने स्पीकर को जलील, अपमानित किया. नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए.


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