Bihar Politics: अपनों ने छेड़ा राजनीति का ‘राग’, तो घर की दहलीज पर पराए हुए चिराग!
बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से चिराग पासवान खुद पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे. हालांकि विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लेने के बाद एलजेपी की बुरी हार हुई.
पटनाः कहते हैं कि बिहार की राजनीति हमेशा से चर्चा वाली रही है. ऐसा जिसने सिर्फ सुना था उसने बीते दो दिनों की तस्वीरों को देखकर इसे मान भी लिया. लोग इस सोच में डूबे थे कि एनडीए में उथल-पुथल होगी तो इधर बीच मजधार में एलजेपी ने खेला कर दिया. एलजेपी के सांसद चिराग पासवान अपनों ही के बीच पराए हो गए. पार्टी से पांच सांसदों ने किनारा बनाकर एक नया रास्ता चुन लिया.
दो दिनों से बिहार की राजनीति ने दिल्ली में भी हलचल बढ़ा दी है. सोमवार को एलजेपी के जब पांच सांसदों के अलग होने की खबर आई तो राजनीति सरगर्मी तेज हो गई. इधर, जब यह खबर चिराग पासवान को मिली तो वे दिल्ली स्थित अपने चाचा पशुपति पारस के घर मिलने के लिए पहुंचे गए. यहां 15 से 20 मिनट तक उन्हें गेट के बाहर कार में ही खड़ा रहना पड़ा था. हालांकि इसके बाद गेट खोला गया लेकिन वे अपने चाचा और सांसद पशुपति पारस से नहीं मिल सके. ऐसा कहा जा रहा था पशुपति पारस अपने घर पर नहीं हैं.
चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे सांसद
जिन पांच सांसदों ने चिराग पासवान से दूरी बनाई है उनमें नवादा से चंदन कुमार, समस्तीपुर से प्रिंस पासवान, खगड़िया से महबूब अली कैसर और वैशाली से वीणा देवी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि ये सभी चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे और पार्टी के अपने तरीके से चलाने से नाराज थे.
बता दें बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से चिराग पासवान खुद पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे. हालांकि विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लेने के बाद एलजेपी की बुरी हार हुई. उसके बाद हाशिए पर चल रही एलजेपी की राजनीति और बिहार की राजनीति में ये बड़ा भूचाल ला सकती है.
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