पटनाः महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार की राजनीति में रोजगार और सरकारी नौकरी (Government Jobs) को लेकर मुद्दा छाया हुआ है. तेजस्वी यादव ने चुनाव के समय जो दल लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था उसको लेकर बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) लगातार हमलावर हैं और इसको लेकर सवाल पूछ रहे हैं. सुशील कुमार मोदी ने इसको लेकर सोमवार को भी ट्वीट किया है और आरजेडी पर निशाना साधा है.
सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी ने संसदीय चुनाव से पहले दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार रेलवे, सड़क, हवाई अड्डा और बंदरगाह जैसे ढांचागत निर्माण पर लाखों करोड़ रुपये खर्च कर हर साल दो करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार दे भी रही है. हमने सरकारी नौकरी नहीं, रोजगार का वादा किया था और उसे पूरा कर रहे हैं.
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'तीन साल में 7.70 लाख लोगों को सरकारी नौकरी'
बीजेपी नेता ने कहा कि जिन्होंने बिहार में महागठबंधन सरकार बनने पर पहली कलम से 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, वे पहली कैबिनेट के बाद अपने वादे से मुंह चुरा रहे हैं. रोजगार सृजन के साथ तीन साल में 7.70 लाख लोगों को सरकारी नौकरी भी दी गई. अगले 18 महीनों में 10.5 लाख लोगों को नौकरी मिलना तय है. मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक ऋण 35.94 करोड़ लोगों को दिया गया. क्या इससे रोजगार पैदा नहीं हुए?
बहानेबाजी से बाज आए आरजेडी
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) पर 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिससे 60 लाख रोजगार सृजित होंगे. इसके साथ ही मनरेगा, पीएम रोजगार सृजन योजना जैसे दो दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं. केंद्र सरकार के चौतरफा प्रयास से देश में बेरोजगारी दर 6 फीसद से घट कर 4.2 फीसद पर आई. हमने रोजगार का वादा बखूबी निभाया. अब आरजेडी 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे से मुकरने के बहानेबाजी से बाज आए.
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