पटना: बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी है. इसमें जातीय जनगणना (Caste Census) की अवधि बढ़ाकर मई 2023 की गई है जो कि पहले फरवरी थी. इस पर बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार जातीय जनगणना को टालने के लिए बहाने ढूंढ रही. पहले नगर निगम चुनाव को टाल दिया और अब इसे टाल रही.


सरकार को चाहिए नहीं कराने का बहाना


बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि जातिय जनगणना अब फरवरी 2022 के बजाय मई में पूरा किया जाएगा. क्या सरकार को यह नहीं मालूम था कि वो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा का वक्त है? क्या सरकार को नहीं मालूम था कि इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया मतदाता सूची का परीक्षण कब करती है? सरकार बहाना खोज रही है. जिस तरह से नगर निकाय चुनाव को टाला गया उसी प्रकार जातीय जनगणना को भी टाला जा रहा.


2024 तक जातीय जनगणना टाल रही बिहार सरकार


आगे सुशील मोदी बोले कि जब दो जून को कैबिनेट की बैठक में जातीय जनगणना करवाने का निर्णय ले लिया गया था तो छह महीना हो गया. अभी तक पदाधिकारियों के प्रशिक्षण का काम पूरा नहीं हुआ है. नए मकानों की सूचीकरण नहीं हुई है. सरकार नहीं चाहती है कि जातीय जनगणना कराए. सरकार 2024 चुनाव तक इसे किसी प्रकार टालना चाहती है. तेलंगाना सरकार एक दिन में जातीय जनगणना करा सकती है तो बिहार सरकार क्यों नहीं करा सकती? सुशील मोदी ने कहा कि तुरंत ही सरकार को इसे करवाना चाहिए.


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