पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि किसान आंदोलन के नेता केंद्र सरकार से 11 चक्र की वार्ता में यह नहीं बता पाए कि कृषि कानून (Agriculture Law) में 'काला' क्या है? सोमवार को ट्वीट कर सुशील मोदी ने कहा कि कथित किसान आंदोलन के नाम पर देश में कोरोना से उबरती अर्थव्यवस्था की लय तोड़ने की जो कोशिश की जाती है, वह कभी सफल नहीं होगी.


सुशील मोदी ने कहा कि बिहार और देश के लगभग सभी राज्यों में सच्चे-शांतिप्रिय किसानों ने विपक्ष के "भारत बंद" को नकार कर फिर साफ किया कि वे मंडी से आजादी का विकल्प देने वाले कृषि कानूनों के विरुद्ध बिल्कुल नहीं हैं. मोदी-सरकार की नीति और नीयत पर भरोसा रखने वाले अन्नदाताओं का आभार. केंद्र सरकार यदि किसान विरोधी होती, तो 9.5 करोड़ किसानों के खाते में सम्मान निधि के रूप में 1.37 लाख करोड़ रुपये की राशि क्यों डाली जाती?


एमएसपी खत्म करने का इरादा नहीं


एमएसपी (MSP) को लेकर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगर इसे खत्म करने का इरादा होता, तो क्या गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले सात साल में प्रति क्विंटल 600 रुपये की वृद्धि हुई होती? इस साल तो एमएसपी पर रिकॉर्ड 82 हजार करोड़ मूल्य के गेहूं की खरीदारी हुई, जो एमएसपी पर फैलाए गए झूठ को पूरी तरह तार-तार करती है.


बता दें कि सोमवार को किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद था. बिहार में कांग्रेस, आरजेडी समेत कई विपक्ष दल ने इसका समर्थन किया था. कृषि कानून को खत्म करने के लिए लगातार तीन महीने से आंदोलन हो रहा है. इसी को लेकर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कई बार बातचीत के लिए मौका दिया गया लेकिन कृषि कानून में काला क्या है यह किसी ने नहीं बताया.



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